Uttar Pradesh

अब नहीं करनी होगी शिकायत, खराब लाइट खुद बताएंगी अपनी पीड़ा, सिटी क्लाउड मॉनिटरिंग सिस्टम (CCMS) से बदलेगी रात की तस्वीर।

गाजियाबाद में स्ट्रीट लाइट्स की खराबी अब अंधेरे में नहीं रहेगी! नगर निगम ने सेंट्रल कंट्रोल मॉनिटरिंग सिस्टम (CCMS) लागू किया है, जिससे शहर की हजारों लाइटों की निगरानी 24×7 हो रही है. अब लाइट खराब होने पर तुरंत अलर्ट मिलेगा और फौरन मरम्मत शुरू हो जाती है.

मोबाइल से होगी स्ट्रीट लाइटों की निगरानी, नगर निगम ने बदल डाली व्यवस्था। गाजियाबाद में अब अगर कहीं भी स्ट्रीट लाइट खराब होती है या अचानक बंद हो जाती है, तो नगर निगम को तुरंत इसकी जानकारी मिल जाएगी. इसकी वजह है नया सेंट्रल कंट्रोल मॉनिटरिंग सिस्टम (CCMS), जिसके जरिए शहर की लाइट व्यवस्था पर लगातार निगरानी रखी जा रही है.

गाजियाबाद नगर निगम ने इसकी शुरुआत एलिवेटेड रोड और हिंडन एयरफोर्स रोड से की है. यहां लगी लाइटें इस स्मार्ट सिस्टम से जुड़ी हुई हैं. मोबाइल ऐप और कंट्रोल सेंटर से जुड़े इस नेटवर्क के माध्यम से अधिकारी यह देख सकते हैं कि कौन-सी लाइट जल रही है और कौन-सी खराब हो गई है. जैसे ही कोई समस्या आती है, तुरंत अलर्ट मिल जाता है और मरम्मत का काम शुरू हो जाता है.

पहले चरण में लगभग 5,000 लाइटों को CCMS से जोड़ा गया है. नगर निगम का लक्ष्य है कि जल्द ही दूसरे चरण में शहर की 30,000 से अधिक लाइटों को भी इस सिस्टम से जोड़ दिया जाए. इसके लिए नए पैनल लगाए जा रहे हैं और पूरी व्यवस्था को और भी मजबूत किया जा रहा है. इस नई पहल से शहरवासियों को बड़ा लाभ मिल रहा है.

पहले खराब लाइटों की जानकारी निगम तक पहुंचने में कई दिन लग जाते थे. शिकायत के बाद ही टीम मौके पर पहुंचती थी. लेकिन, अब हालात बदल गए हैं. CCMS से जुड़ी लाइटों पर 24 घंटे निगरानी रहती है. खराबी की सूचना अपने-आप मिल जाती है और तुरंत सुधार की प्रक्रिया शुरू हो जाती है. इससे गलियों और मुख्य सड़कों पर अंधेरे की समस्या काफी हद तक कम हो गई है.

गाजियाबाद की इस पहल की चर्चा दूसरे विभागों में भी हो रही है. नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने भी इस मॉडल को अपनाने की योजना बनाई है. हाल ही में हुई एक बैठक में NHAI के अधिकारियों ने गाजियाबाद की व्यवस्था की सराहना की और माना कि सड़क सुरक्षा और बेहतर रोशनी के लिए यह सिस्टम बेहद उपयोगी है.

शहर के लोगों का भी मानना है कि स्ट्रीट लाइट की यह नई व्यवस्था उनके लिए राहत लेकर आई है. अब रात में सफर करने वालों को सुरक्षा की चिंता कम हो गई है और मुख्य सड़कें रोशनी से जगमगाने लगी हैं. गाजियाबाद की यह कोशिश दिखा रही है कि तकनीक का सही इस्तेमाल शहर की ज़िंदगी को कितना आसान बना सकता है. आने वाले समय में जब सभी लाइटें इस सिस्टम से जुड़ जाएंगी, तब गाजियाबाद रात में भी और ज्यादा सुरक्षित और रोशन नज़र आएगा.

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