लखीमपुर खीरी में मधुमक्खी पालन के लिए किसानों को मिल रही है ट्रेनिंग और 40 फीसदी सब्सिडी, जिससे वे शहद उत्पादन कर लाखों रुपए कमा रहे हैं
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में किसानों को मधुमक्खी पालन करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, जिससे किसान मधुमक्खी पालन कर अच्छा खासा मुनाफा कमा सके. यहां किसानों को मधुमक्खी पालन के लिए निशुल्क में ट्रेनिंग भी दी जाती है. ट्रेनिंग के माध्यम से किसानों को बताया जाता है कि मधुमक्खी पालन कैसे किया जाता है और इसके लिए क्या-क्या सावधानियां बरतनी होती हैं।
खीरी जिले में किसान विभिन्न फसलों की खेती-बाड़ी के साथ ही मधुमक्खी पालन करते हैं. इसके लिए सरकार की ओर से किसानों को अनुदान दिया जाता है. किसानों को 40 फीसदी तक सब्सिडी दिए जाने की व्यवस्था है. मधुमक्खी पालन के लिए 2.20 लाख के प्रोजेक्ट पर 88 हजार रुपये की सब्सिडी दी जाती है.
जिला उद्यान अधिकारी मृत्युंजय सिंह ने बताया कि मधुमक्खी पालन के लिए प्रशिक्षण लेना बहुत जरूरी है. क्योंकि मधुमक्खी एक जीवित प्राणी है और अगर इसे पूरे साल इनको मेंटेन करना है, तो अलग-अलग ऋतुओं और सीजन के हिसाब से इसे मैनेज करना पड़ता है. इसके अलावा मधुमक्खियों को किस टाइम पर किस तरह की फीडिंग करानी है, उसकी जानकारी होनी चाहिए.
आजकल मधुमक्खी पालन एक लाभदायक व्यवसाय बन गया है. यह एक ऐसा कारोबार है, जिससे लोग बड़ी मोटी कमाई करने के लिए करते हैं. इससे किसानों को अधिक पैदावार प्राप्त करने में काफी मदद मिलती है. शहद हमारे स्वास्थ के लिए बहुत फायदेमंद होता है. ऐसे में बाजारों में अब शहद की डिमांड बढ़ती जा रही है. जिसे मधुमक्खी पालन कर आप लाखों रुपए कमा सकते हैं।
मधुमक्खी पालन करने के इच्छुक हैं तो जिला उद्यान कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं. मधुमक्खी पालन करने के लिए 40% का अनुदान दिया जा रहा है, पहले आओ पहले पाओ के आधार पर किसानों का चयन किया जाएगा. लखीमपुर जनपद में कुछ किसान मधुमक्खी पालन कर लाखों रुपए कमा रहे हैं. सर्दियों में खासकर शहद की डिमांड अधिक रहती है, भारत ही नहीं, दुनियाभर में शहद की खूब मांग रहती है. शहद का कई तरह की औषधियों में इस्तेमाल होता है. इसमें मिलने वाले पोषक तत्वों की वजह से मधुमक्खी पालन कम लागत में मोटी कमाई देने वाला बिजनेस है.