भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) देश विरोधी क्यों हो रहा है? बीसीसीआई पाकिस्तान के साथ खेलने में इतना उत्साहित क्यों है? क्या यह पैसे की लालच, टीवी रेवेन्यू, विज्ञापन रेवेन्यू, या खिलाड़ियों के फीस के लिए है? जब पाकिस्तान को एशिया कप के लिए भारत में होने के कारण बायकॉट करने की अनुमति मिल जाती है, तो बीसीसीआई क्यों नहीं कर सकता है? यह सवाल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पूछे हैं।
ठाकरे ने कहा, “अगर वास्तविक भाजपा की सरकार होती तो यह नहीं होने देती। भाजपा ने अपनी नीति बदल ली है।”
ठाकरे ने अपने एक पोस्ट में कहा, “क्या खून और पानी नहीं मिल सकते हैं? तो क्रिकेट और खून कैसे मिल सकते हैं?”
ठाकरे ने अपने एक ट्वीट में कहा, “क्या केंद्र सरकार पाकिस्तान के साथ खेलने पर चुप क्यों है? जो देश आतंकवाद का समर्थन करता है?”
महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा, “क्रिकेट को आगे बढ़ने देना एक राजनयिक विफलता और उन लोगों के लिए अपमान है जिन्हें पाहलगाम आतंकवादी हमले में मारा गया था और जिन सैनिकों ने अपनी जान गंवाई थी।”
सावंत ने कहा, “क्या यह नहीं दिखाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रक्त में बह रहे गर्म सिंदूर का तापमान कम हो गया है। उन्होंने कहा था कि पानी और खून नहीं मिल सकते हैं। लगता है कि क्रिकेट के रन और खून को मिलाने की अनुमति दी गई है।”
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रवक्ता जितेंद्र अव्हाड ने कहा, “क्रिकेट मैच ने सरकार और शासक दल के दोगले मानकों को उजागर किया है, जिनकी राजनीति भारत-पाकिस्तान के बीच घूमती है।”