Uttar Pradesh

बाढ़ से तबाह आगरा, 47 साल बाद ताज के पीछे पहुंचा पानी, मददगार बने किनारे, 25 लाख दान कर जीता दिल।

आगरा: बाढ़ की विभीषिका से ताजमहल तक प्रभावित

उत्तर प्रदेश की ताजनगरी आगरा इन दिनों बाढ़ की विभीषिका से गुजर रही है. यमुना नदी का पानी लगातार बढ़ रहा है और हालात इतने बिगड़ गए हैं कि ताजनगरी की 50 से अधिक कॉलोनियां और 60 गांव पानी में डूब चुके हैं. करीब एक लाख लोग इस आपदा से प्रभावित हैं. जहां कई परिवारों को पलायन करना पड़ रहा है, वहीं आम जनता और सामाजिक संगठन मदद के लिए आगे आ रहे हैं।

किन्नर समाज ने दिखाई दरियादिली

इस बीच आगरा के किन्नर समाज ने मिसाल पेश करते हुए 25 लाख रुपये बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए दान किए हैं, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो में किन्नर समाज के कई लोग बैठे दिख रहे हैं, जो अपने आंचल में 500-500 रुपये की गड्डियां समेटे अफसरों को सौंपते नज़र आ रहे हैं. वीडियो में साफ सुना जा सकता है कि यह रकम किन्नरों ने मिलकर इकट्ठा की है ताकि बाढ़ से प्रभावित परिवारों तक मदद पहुंच सके. सोशल मीडिया पर यूजर्स किन्नर समाज की इस पहल की जमकर तारीफ कर रहे हैं।

ताजमहल तक पहुंचा पानी, स्मारक भी प्रभावित

यमुना का जलस्तर बढ़ने से न केवल रिहायशी इलाक़े बल्कि संरक्षित स्मारक भी बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. 47 साल बाद ताजमहल के पीछे की दीवार तक पानी पहुंच गया है. दशहरा घाट और ताज व्यू प्वाइंट पूरी तरह डूब चुके हैं. महताब बाग में पानी भर गया है. एत्माउद्दौला स्मारक के यमुना किनारे बने 12 कमरों में सात फीट पानी भर चुका है. ग्यारह सीढ़ी स्मारक की दीवार तक पानी पहुंच गया है और जोहरा बाग पूरी तरह डूब गया है. स्थिति को देखते हुए प्रशासन अलर्ट मोड पर है. सदर, एत्मादपुर, फतेहाबाद और बाह तहसील क्षेत्र के 60 से अधिक गांव बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं. पुलिस और प्रशासन लगातार सायरन बजाकर और मुनादी कराकर निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहा है. राहत शिविर बनाए गए हैं, जहां विस्थापित परिवारों को आश्रय और भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है.

मानवीय संवेदनाओं की मिसाल

बाढ़ के इस संकट ने एक ओर जहां लोगों को बेघर और बेसहारा कर दिया है, वहीं समाज के विभिन्न वर्ग उनके लिए मददगार बनकर सामने आ रहे हैं. किन्नर समाज का 25 लाख रुपये दान करना इस बात का प्रतीक है कि इंसानियत हर मुश्किल घड़ी में सबसे बड़ा धर्म है. इस घटना ने आगरा के लोगों को उम्मीद और हौसला दिया है कि समाज में मानवीय संवेदनाएं अभी भी जीवित हैं और लोग एक दूसरे की मदद के लिए हमेशा तैयार होते हैं.

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