अंकुरित आलू खाने से पहले जानें खतरे के बारे में
आलू हर भारतीय रसोई का अहम हिस्सा है, लेकिन जब यही आलू अंकुरित हो जाते हैं तो सेहत के लिए खतरा बन सकते हैं. अंकुरित आलू में बनने वाला जहरीला तत्व सोलानाइन शरीर पर ज़हर जैसा असर डालता है, जिससे उल्टी, दस्त, सिरदर्द, पेट दर्द और गंभीर मामलों में तंत्रिका तंत्र को नुकसान तक हो सकता है. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि अंकुरित आलू कब तक सुरक्षित हैं और कब इन्हें बिल्कुल नहीं खाना चाहिए.
अंकुरित आलू खाने से पहले यह जानना जरूरी है कि क्या आलू पूरी तरह से अंकुरित हो चुके हैं या नहीं. यदि आलू पूरी तरह से अंकुरित हो चुके हैं तो उन्हें खाने से पहले सावधानी से देखना चाहिए. यदि आलू के पत्ते पीले या हरे रंग के हो जाते हैं और उनके अंकुर बड़े हो जाते हैं, तो उन्हें खाने से बचना चाहिए. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि आलू कितने समय तक अंकुरित हो सकते हैं और कब उन्हें खाना चाहिए.
अंकुरित आलू के खतरे को कम करने के लिए यह जानना जरूरी है कि आलू को कैसे स्टोर किया जाए. यदि आलू को ठंडे और सूखे स्थान पर स्टोर किया जाए, तो उनके अंकुरित होने की संभावना कम हो जाती है. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि आलू को कैसे स्टोर करना है और कब उन्हें खाना चाहिए.
अंकुरित आलू खाने से पहले यह जानना जरूरी है कि क्या आलू पूरी तरह से अंकुरित हो चुके हैं या नहीं. यदि आलू पूरी तरह से अंकुरित हो चुके हैं तो उन्हें खाने से पहले सावधानी से देखना चाहिए. यदि आलू के पत्ते पीले या हरे रंग के हो जाते हैं और उनके अंकुर बड़े हो जाते हैं, तो उन्हें खाने से बचना चाहिए. अंकुरित आलू के खतरे को कम करने के लिए यह जानना जरूरी है कि आलू को कैसे स्टोर किया जाए और कब उन्हें खाना चाहिए.
अंकुरित आलू के खतरे को कम करने के लिए यह जानना जरूरी है कि आलू को कैसे स्टोर किया जाए. यदि आलू को ठंडे और सूखे स्थान पर स्टोर किया जाए, तो उनके अंकुरित होने की संभावना कम हो जाती है. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि आलू को कैसे स्टोर करना है और कब उन्हें खाना चाहिए. अंकुरित आलू खाने से पहले यह जानना जरूरी है कि क्या आलू पूरी तरह से अंकुरित हो चुके हैं या नहीं.