Top Stories

भारत के नए स्पेस-ग्रेड माइक्रोप्रोसेसर से परिचय

विक्रम-1601 से कैसे यह अलग है

उच्च सटीकता: 32-बिट और फ्लोटिंग पॉइंट क्षमता के साथ, यह ट्रैक्शन की सुधार और स्वायत्त निर्णय लेने के लिए अधिक सटीक डेटा को प्रसंस्करण करने में सक्षम है। बेहतर सॉफ्टवेयर समर्थन: आधुनिक उपकरणों का उपयोग करके आसानी से प्रोग्राम करना, जो त्रुटि के जोखिम को भी कम करता है। अधिक विश्वसनीयता: क्योंकि कई इंटरफेस चिप में बने होते हैं, इसलिए बाहरी घटकों की आवश्यकता कम होती है। भविष्य-पर्याप्त: आने वाले अंतरिक्ष अभियानों के लिए अधिक उन्नत निर्देश और नियंत्रण एल्गोरिदम को समर्थन करने के लिए सक्षम है।

प्रभाव

रॉकेट के अलावा, विक्रम-32 जैसे प्रोसेसर रक्षा, उड़ान और औद्योगिक नियंत्रण प्रणालियों में भी उपयोग किए जा सकते हैं जहां कठिन परिस्थितियों में विश्वसनीयता महत्वपूर्ण है। अधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि चिप भारत की क्षमता को दर्शाती है कि वह उच्च-स्तरीय इलेक्ट्रॉनिक्स का डिज़ाइन, निर्माण और गुणवत्ता प्रमाणीकरण भारत में ही कर सकता है, जिससे विदेशी आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भरता कम होती है। विक्रम-32 भारत की प्रौद्योगिकी स्वायत्तता की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। पुराने विक्रम-1601 को बदलकर, यह आईएसआरओ के अभियानों में अधिक शक्ति, सटीकता और लचीलापन लाता है। जब इसे भविष्य के लॉन्च वाहनों और अंतरिक्ष प्रणालियों में तैनात किया जाएगा, तो यह भारत की अंतरिक्ष अन्वेषण में बढ़ती आकांक्षाओं को समर्थन करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

You Missed

authorimg
Uttar PradeshSep 5, 2025

खेरी समाचार: बाढ़ का कहर! लखीमपुर के इस गांव में 2 दिनों से घरों में नहीं जला चूल्हा, लोग छतों पर रहने को मजबूर हैं।

लखीमपुर खीरी में बनबसा बैराज से छोड़े गए लगभग 2 लाख क्यूसेक पानी ने जमकर तबाही मचा रखी…

Scroll to Top