अपराजिता पौधे की देखभाल: अगर आपके पौधे में फूल नहीं आ रहे हैं, तो चिंता की कोई बात नहीं. ये उपाय आपके पौधे में जान फूंक देगा, जो बहुत सस्ती, आसान और कारगर ट्रिक है. कुछ ही दिन में आपका पौधा फूलों से लद जाएगा. अपराजिता का पौधा अपने नीले और सफेद सुंदर फूलों के लिए फेमस है. इसे शंखपुष्पी या क्लिटोरिया टर्नाटिया के नाम से भी जाना जाता है. इसके फूल धार्मिक उपयोगों के साथ-साथ औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं, इसलिए लोग इसे अपने घरों में लगाते हैं. कई बार पौधा लगाने के बाद भी उसमें फूल नहीं आते हैं. पत्तियां तो निकलती हैं, लेकिन फूल नहीं खिलते हैं. यह परेशानी बहुत से लोगों को होती है, लेकिन अब इसका आसान समाधान भी आ गया है. अपराजिता एक बेल यानी लता वाली प्रजाति है, जिसकी जड़ें फैलती हैं. अगर आप इसे छोटे गमले में लगाते हैं, तो इसकी ग्रोथ रुक जाती है और फूल भी नहीं आते हैं. इसलिए कम से कम 12 इंच या उससे बड़े गमले का चयन करना चाहिए, ताकि जड़ों को फैलने की समुचित जगह मिल सके. अपराजिता को अगर दिन में कम से कम 5 से 6 घंटे की सीधी धूप नहीं मिलती हैं, तो उसमें केवल पत्तियां निकलेंगी, फूल न के बराबर आएंगे. इसे ऐसे स्थान पर रखें, जहां सूरज की रोशनी ठीक से आए, वरना पौधा कमजोर हो जाता है.
बलिया के कृषि एक्सपर्ट प्रो. अशोक कुमार सिंह बताते हैं कि पौधे में ज्यादा फूल खिले, उसके लिए पोषण देना जरूरी है. इसमें रासायनिक खाद की जगह घरेलू जैविक खाद ज्यादा उपयोगी है, जो किचन में ही मिल जाती है. अपराजिता के पौधें में एक चम्मच सरसों का पाउडर और आधा चम्मच हल्दी मिलाएं. सरसों में पोटैशियम पाया जाता है, जो फूलों के लिए बेहद जरूरी है. हल्दी में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल गुण पौधे को रोगों से बचाते हैं. चाय बनाने के बाद बची हुई पत्ती को भी खाद के रूप में डाला जा सकता है. इससे पहले मिट्टी की हल्की गुड़ाई कर लें, ताकि खाद अच्छी तरह मिट्टी में मिल जाए. इसके बाद ऊपर से पानी डालें, जिससे खाद का पूरा लाभ मिले. अपराजित के पौधे के विकास के लिए इस पूरी प्रक्रिया को हर 15 दिन में दोहराना चाहिए. कुछ ही सप्ताह में अपराजिता का पौधा ढेर सारे फूलों से लद जाएगा. यह तरीका न केवल आसान है, बल्कि पूरी तरह प्राकृतिक, सस्ता और असरदार भी है.