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साइना-सिंधु अपने करियर में नहीं कर पाई ये करिश्मा, 16 साल की इस लड़की ने रचा इतिहास



नई दिल्ली: साइना नेहवाल और पी वी सिंधु ने अपने खेल से पूरी दुनिया में नाम कमाया है. दोनों ने ही ओलंपिक में मेडल जीते हैं. साइना और सिंधु ने चीनी दीवार को तोड़ कर दुनिया में इतिहास रच दिया था, लेकिन जो ये दोनों अपने करियर में नहीं कर पाई. वह कारनामा गुजराज की 16 साल की एक लड़की ने बैडमिंटन में करके दिखाया है. 
इस खिलाड़ी ने किया कमाल  
युवा बैडमिंटन खिलाडी तसनीम मीर ताजा बीडब्ल्यूएफ जूनियर रैंकिंग के अंडर-19 बालिका एकल वर्ग में शीर्ष स्थान हासिल करने वाली पहली भारतीय बन गईं हैं. जूनियर खिलाड़ी रहते हुए साइना नेहवाल और पी वी सिंधु ये उपलब्धि हासिल नहीं कर सकी. जूनियर वर्ल्ड रैकिंग 2011 में शुरू हुई तब साइना इसमें इलिजिबल नहीं थीं. वहीं, पी वी सिंधु जूनियर रैकिंग में वर्ल्ड नंबर दो खिलाड़ी रह चुकीं हैं. 
तसनीम ने किया बड़ा करिश्मा 
गुजरात की 16 साल की तस्नीम को पिछले साल शानदार प्रदर्शन का फायदा मिला, जिसमें उन्होंने तीन जूनियर इंटरनेशनल टूर्नामेंट जीते थे, जिससे वह तीन पायदान के फायदे से जूनियर वर्ल्ड रैंकिंग में टॉप स्थान हासिल करने में सफल रहीं. इससे पहले यह उपलब्धि किसी भी भारतीय जूनियर महिला खिलाड़ी ने हासिल नहीं की थी जिसमें दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधू और लंदन ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साइना नेहवाल भी ऐसा नहीं कर सकीं. 
जीते थे तीन टूर्नामेंट 
तसनीम मीर ने गुवाहाटी से पीटीआई से कहा, ‘मैं यह नहीं कह सकती कि मुझे इसकी उम्मीद थी. मैंने सोचा कि मैं नंबर एक नहीं बनूंगी, क्योंकि टूर्नामेंट कोविड-19 से प्रभावित हो रहे थे, लेकिन मैंने बुल्गारिया, फ्रांस और बेल्जियम में तीन टूर्नामेंट जीते थे, इसलिए मैं दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी बनकर काफी खुश और रोमांचित हूं. ’ लड़कों के एकल वर्ग में लक्ष्य सेन, सिरिल वर्मा और आदित्य जोशी नंबर एक खिलाड़ी बने थे. 
(इनपुट: भाषा)



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