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दंगों की रिपोर्ट समझने के लिए यह खबर पढ़ें।

संभल में हुए दंगों की जांच रिपोर्ट में 1947 से लेकर अब तक संभल में हुए 15 बड़े दंगों का ज़िक्र है. रिपोर्ट में दावा है कि हर दंगे में सबसे ज़्यादा नुकसान हिंदुओं को हुआ. संभल दंगों की न्यायिक आयोग रिपोर्ट आई है, जिसमें 24 नवंबर की हिंसा का पूरा ब्यौरा है, साथ ही संभल के इतिहास में बार-बार भड़की सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं का भी ज़िक्र किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, इन दंगों का असर स्थानीय जनसांख्यिकी पर भी पड़ा है. कभी संभल की 45% आबादी हिंदू थी, लेकिन लगातार होने वाली हिंसा और असुरक्षा की वजह से आज यह घटकर सिर्फ़ 15 से 20% रह गई है. रिपोर्ट में दंगों की वजह, उनका असर और समुदायों के बीच बढ़ते तनाव का भी विवरण है.

जांच रिपोर्ट में दावा है कि हर दंगे में सबसे ज़्यादा नुकसान हिंदुओं को हुआ. यही वजह है कि कभी संभल में 45% हिंदू आबादी थी, लेकिन अब ये घटकर सिर्फ़ 15 से 20% रह गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, दंगों और तुष्टिकरण की राजनीति ने संभल की डेमोग्राफी को पूरी तरह बदल दिया है.

पिछले साल हुए दंगों पर रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक, हालिया दंगे में हिंदुओं को मारने की प्लानिंग थी. इसके लिए दंगाइयों को बाहर से बुलाया गया था. हालांकि हिंदू मोहल्लों में पुलिस की मौजूदगी की वजह से बड़ी घटना टल गई. रिपोर्ट में यह भी दर्ज है कि संभल अब अलकायदा जैसे आतंकी संगठनों का अड्डा बन चुका है.

संभल दंगों की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि संभल में हथियार और नारकोटिक्स गैंग सक्रिय हैं. यहां तुर्क और पठान समुदायों के आपसी संघर्ष का भी ज़िक्र है.

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