Incessant rain wreaks havoc across Punjab, inundating large tracks of farmland, villages; schools closed

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Over 23 lakh acres of crops damaged in Maharashtra rains; Nanded worst hit

पंजाब में बारिश की बौछारें ने किसानों और ग्रामीणों की जिंदगी को प्रभावित कर दिया है। सुतलज, ब्यास और रावी नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे पोंग, भाखड़ा और रंजीत सागर बांधों से अतिरिक्त जल का प्रवाह हो रहा है। इससे नदियों के किनारे बसे गांवों और किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। गुरदासपुर, तरनतारन, कपूरथला, फरीदकोट और फजलका जिलों में स्थिति बहुत ही गंभीर हो गई है, जहां स्कूलों को बंद कर दिया गया है।

गुरदासपुर जिले में रावी नदी का जलस्तर 2.50 लाख क्यूसेक तक पहुंच गया है, जिससे यहां के निवासियों के लिए चिंता का विषय बन गया है। इसका कारण है ऊपरी क्षेत्रों में हो रही भारी बारिश के कारण रावी नदी में जलस्तर में वृद्धि हो रही है। मकोरा पट्टन में रावी नदी का जलस्तर 2.50 लाख क्यूसेक तक पहुंच गया है, जिससे स्थानीय प्रशासन अलर्ट पर है।

हरिके में ब्यास और सुतलज नदियों के जलस्तर का आंकड़ा 2.34 लाख क्यूसेक तक पहुंच गया है। यह जल हरिके से हुसैनीवाला तक और फिर फरीदकोट और फजलका तक जा रहा है, जिससे स्थानीय अधिकारियों और निवासियों को आपदा के समय के लिए तैयार रहना पड़ रहा है। ब्यास और सुतलज नदियों से हरिके हेडवर्क्स में जल प्रवाह से तारनतारन, फरीदकोट और फजलका जिलों में कई गांवों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है।

जलांधारी स्थिति के कारण जालंधर, होशियारपुर, पठानकोट, अमृतसर, गुरदासपुर, फजलका और फरीदकोट जिलों में स्कूल बंद कर दिए गए हैं। स्थानीय प्रशासन ने जलांधारी गांवों से आपदा के समय के लिए आपातकालीन पलायन के लिए निर्देश जारी किए हैं।