Last Updated:August 25, 2025, 18:14 ISTGhaziabad Haj House : गाजियाबाद का हज हाउस, जिसे अखिलेश यादव ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट के तौर पर तैयार कराया था, अब नई पहचान बना रहा है. कभी हज यात्रियों के ठहरने की जगह रहा यह भवन अब निकाह, शादी और जश्न का नया ठ…और पढ़ेंगाजियाबाद : गाजियाबाद का हज हाउस… जिसे कभी सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने हज यात्रियों की सहूलियत के लिए अपने ड्रीम प्रोजेक्ट के तौर पर तैयार कराया था, अब एक नया रंग-रूप ले चुका है.जहां कभी सफेद कपड़ों में लिपटे जायरीन नजर आते थे, वहीं आज बारातियों की चहल-पहल और शहनाइयों की गूंज सुनाई देगी. यह जगह अब शादियों और बड़े समारोहों का नया ठिकाना बन गई है. ये हज हाउस कमेटी की मजबूरी है या कोई अनोखी पहल आइए इस रिपोर्ट में जानते हैं.
गाजियाबाद में हिंदन नदी किनारे बने भव्य हज हाउस का इस्तेमाल अब सिर्फ हज यात्रियों तक सीमित नहीं रहेगा. करीब 52 करोड़ रुपये की लागत से 2016 में तैयार हुआ यह भवन अब शादियों और निजी कार्यक्रमों का केंद्र बनने जा रहा है. गौरतलब है कि यह भवन पिछले कई सालों से जर्जर हालत में है. दीवारों पर पपड़ी झड़ रही है कई हिस्सों में मरम्मत की ज़रूरत है.रखरखाव और कर्मचारियों की सैलरी का खर्च निकालना भी मुश्किल हो रहा था.यही कारण है कि हज कमिटी ने इसे एक नए प्रयोग के तहत आम जनता के लिए खोलने का फैसला किया है.
इतना देना होगा किराया
अब कोई भी परिवार सिर्फ 25 हजार रुपये जमा कर यहां विवाह समारोह या निजी आयोजन कर सकेगा. भवन के अंदर बने हॉल के अलावा बाहर टेंट लगाने की भी व्यवस्था होगी. हालांकि कार्यक्रम खत्म होने के बाद साफ-सफाई की जिम्मेदारी आयोजकों की होगी. इसके लिए निगरानी करने के लिए जिले में एक टीम भी बनाई गई है.
अधर में लटका मरम्मत का प्रस्तावहज हाउस की स्थिति सुधारने के लिए 15 करोड़ रुपये का आधुनिकीकरण प्रस्ताव पहले ही पास हो चुका है लेकिन अभी तक उस पर कोई काम शुरू नहीं हुआ है. प्रशासनिक उदासीनता और फाइलों के चक्कर में यह प्रस्ताव अधर में लटका हुआ है.
समय के साथ खो गई चमक
जब यह भवन 2016 में बना था तब इसकी खूब चर्चा हुई थी. इसमें 36 वीवीआईपी कमरे बनाए गए और एक साथ 1886 यात्री यहां रुक सकते थे. यात्रियों की सुविधा के लिए कई आधुनिक इंतज़ाम किए गए थे. लेकिन समय के साथ देखरेख की कमी से यह अपनी चमक खो बैठा.
सरकार को भेजा गया प्रस्तावअल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने सरकार को प्रस्ताव भेजा है कि शादी-ब्याह और निजी आयोजनों से मिलने वाली आय को भवन के रखरखाव और कर्मचारियों की सैलरी में खर्च किया जाए.इससे न केवल इमारत की हालत सुधरेगी बल्कि यहां काम करने वाले स्टाफ को भी नियमित वेतन मिल सकेगा. यानी अब हज हाउस का उपयोग सिर्फ यात्रियों तक सीमित नहीं रहेगा. यह आम लोगों की खुशियों का भी हिस्सा बनेगा. गाजियाबाद के लोग इसे अब अपने पारिवारिक आयोजनों के लिए भी इस्तेमाल कर सकेंगे.न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।Location :Ghaziabad,Ghaziabad,Uttar PradeshFirst Published :August 25, 2025, 18:13 ISThomeuttar-pradeshहज हाउस में निकाह, शादी और जश्न का धमाल! मजबूरी में बदली अखिलेश यादव..