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BCCI Dream 11 contract over now whose logo will be on Team India jersey These big brands are in race | BCCI और ड्रीम 11 में ‘ब्रेकअप’, अब टीम इंडिया की जर्सी पर किसका होगा लोगो? रेस में ये बड़े ब्रांड



BCCI vs Dream 11: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने सोमवार को फैंटेसी स्पोर्ट्स प्लेटफॉर्म ड्रीम 11 के साथ अपनी साझेदारी आधिकारिक तौर पर समाप्त कर दी. यह फैसला पिछले गुरुवार को संसद के दोनों सदनों में ‘ऑनलाइन गेमिंग का प्रचार और विनियमन विधेयक, 2025’ पारित होने के बाद लिया गया है. इस कदम के बाद संयुक्त अरब अमीरात में होने वाले एशिया कप से महज पंद्रह दिन पहले भारतीय टीम के पास कोई टाइटल स्पॉन्सर नहीं है.
बीसीसीआई ने क्या कहा?
बीसीसीआई के सचिव देवाजीत सैकिया ने इस खबर की पुष्टि करते हुए एएनआई को बताया कि बोर्ड भविष्य में ऐसे किसी भी संगठन के साथ साझेदारी नहीं करेगा. उन्होंने कहा, “ऑनलाइन गेमिंग का प्रचार और विनियमन विधेयक, 2025 के पारित होने के बाद बीसीसीआई और Dream11 ने अपनी साझेदारी समाप्त कर दी है. बीसीसीआई भविष्य में ऐसे किसी भी संगठन से संबंध नहीं रखेगा.”

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ड्रीम 11 का सफर और क्रिकेट में दबदबा
18 साल पहले स्थापित हुई और अब 8 अरब डॉलर की वैल्यू वाली ड्रीम 11 जुलाई 2023 में एडटेक फर्म बायजू की जगह बीसीसीआई की मुख्य प्रायोजक बनी थी. यह तीन साल का सौदा 358 करोड़ रुपये का था. भारतीय टीम के अलावा कंपनी ने आईपीएल में भी कदम रखा. उसने महेंद्र सिंह धोनी, रोहित शर्मा, हार्दिक पांड्या, ऋषभ पंत और जसप्रीत बुमराह जैसे कई शीर्ष खिलाड़ियों को अपना ब्रांड एंबेसडर बनाया. 2020 में ड्रीम 11 को चीनी फर्म विवो की जगह आईपीएल का स्पॉन्सर बनाया गया था.
विदेशों में ड्रीम 11 की पहुंच
ड्रीम 11 की विदेशों में भी मौजूदगी है. वह कैरेबियन प्रीमियर लीग के आधिकारिक फैंटेसी पार्टनर और सुपर स्मैश के टाइटल स्पॉन्सर है. उसकी ऑस्ट्रेलियाई घरेलू टी20 लीग बिग बैश लीग और महिला बिग बैश लीग में भी भागीदारी है. इसके अलावा कंपनी ने 2018 में इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल के साथ भी साझेदारी की थी.
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भारतीय टीम की जर्सी के लिए संभावित दावेदार
टाटा, रिलायंस या अदानी समूह: टाटा समूह, रिलायंस और अदानी समूह जैसी कंपनियां मजबूत दावेदार हो सकती हैं. टाटा पहले से ही आईपीएल का आधिकारिक प्रायोजक है. रिलायंस जियो खेल प्रायोजन और प्रसारण अधिकारों में सक्रिय है. अदानी समूह ने भी हल के समय में खेल उद्यमों में काफी निवेश किया है.
फिनटेक कंपनियां: तेजी से बढ़ रहे फिनटेक और निवेश प्लेटफॉर्म भी बीसीसीआई के साथ साझेदारी की तलाश कर सकते हैं. जिरोधा, एंजेल वन और ग्रोव जैसी कंपनियों ने बड़े ग्राहक आधार बनाए हैं और उनकी डिजिटल उपस्थिति भी मजबूत है. इसके अलावा कई बीमा कंपनियां भी इस मौके को भुना सकती हैं.
ऑटोमोबाइल या एफएमसीजी: ऑटोमोबाइल और एफएमसीजी क्षेत्र भी मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं. महिंद्रा और टोयोटा जैसी प्रमुख ऑटोमोबाइल कंपनियां भारत में अपनी उपस्थिति बढ़ा रही हैं और क्रिकेट प्रायोजन का लाभ उठा सकती हैं. वहीं, पेप्सी जैसे एफएमसीजी ब्रांड जर्सी स्पॉन्सर बनने के लिए सबसे उपयुक्त हैं. पेप्सी का खेलों से पुराना नाता है.



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