Uttar Pradesh

Kannauj News: कन्नौज का वो आल्हा गायक जिसकी आवाज़ से जिंदा हो उठता है इतिहास! 20 साल से गा रहे हैं वीरगाथाएं

Last Updated:August 24, 2025, 19:36 ISTKannauj News in Hindi: कन्नौज के आल्हा गायक संग्राम सिंह बीते 20 वर्षों से आल्हा-ऊदल की वीर गाथाएं गाकर कन्नौजी भाषा और संस्कृति को जीवित रख रहे हैं. हारमोनियम, ढोलक और नगाड़े की थाप पर उनके गीत श्रोताओं को वीर…और पढ़ेंकन्नौज: उत्तर प्रदेश का कन्नौज अपनी सांस्कृतिक विरासत और लोकगीतों के लिए जाना जाता है. यहां की वीरगाथाएं और आल्हा-ऊदल की कहानियां पीढ़ी दर पीढ़ी सुनाई जाती हैं और इनकी जीवंतता बनाए रखने में संग्राम सिंह का योगदान सराहनीय है. ग्राम कन्नौज सदर क्षेत्र के निवासी संग्राम सिंह बीते 20 वर्षों से आल्हा-ऊदल की वीर गाथाएं गा रहे हैं. उनके गीतों की गूंज गांव-गांव, मेलों और धार्मिक आयोजनों में सुनाई देती है और श्रोताओं को उस दौर में ले जाती है, जब आल्हा-ऊदल ने बुंदेलखंड की धरती पर अपने शौर्य और पराक्रम का परचम लहराया था.

देसी सुर और ताल का संगमसंग्राम सिंह के गीतों में सिर्फ सुर और ताल ही नहीं, बल्कि इतिहास की महक भी होती है. हारमोनियम, ढोलक और नगाड़े की थाप पर गाए जाने वाले उनके आल्हा में वीरों की रणभूमि, धोलो की थाप और तलवारों की टंकार जैसे दृश्य जीवंत हो उठते हैं. संग्राम सिंह बताते हैं कि यह कला उन्हें उनके पिता ठाकुर जगवीर सिंह से विरासत में मिली. उनके पिता प्रदेश स्तर तक आल्हा-ऊदल का गायन करते थे और उन्होंने उनसे यह कला सीखी.

हर जगह मिलता है मंच
संग्राम सिंह के आल्हा की गूंज जब उठती है तो बुजुर्गों की आंखें गर्व से भर जाती हैं और युवा जोश से भर जाते हैं. स्थानीय प्रशासन और संस्कृति विभाग भी समय-समय पर उन्हें मंच प्रदान करता है, जिससे इनके गीत न केवल कन्नौज बल्कि दूर-दराज के क्षेत्रों तक पहुंच रहे हैं.
यह भी पढ़ें: 1857 में यूपी का ये गांव बना था अंग्रेजों का कब्रगाह, 16 वीरों ने हंसकर दे दी थी जान

विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं संग्राम सिंहसंग्राम सिंह कहते हैं कि कन्नौजी भाषा में यह आल्हा गायन उनके पिता से उन्हें विरासत में मिला है और आज भी वह इसे लगातार आगे बढ़ाने के लिए प्रयासरत हैं. हालांकि कन्नौज के बाहर इस कला को ज्यादा अवसर नहीं मिल पा रहे हैं, लेकिन कन्नौज में आज भी लगभग हर छोटे-बड़े कार्यक्रमों में आल्हा गायन लोगों को बेहद पसंद आता है.

इस गायन में कन्नौज के वीर और पराक्रमी राजाओं का वर्णन मिलता है, साथ ही तमाम ऐसे दृश्य और भाव हैं जो श्रोताओं में उत्साह और जोश पैदा करते हैं. संग्राम सिंह के प्रयासों से यह अनमोल विरासत लगातार जीवित और आगे बढ़ रही है, और आने वाली पीढ़ियों तक यह कला सुरक्षित रूप में पहुंच रही है.न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।Location :Kannauj,Uttar PradeshFirst Published :August 24, 2025, 19:36 ISThomeuttar-pradeshकन्नौज का वो आल्हा गायक जिसकी आवाज़ से जिंदा हो उठता है इतिहास!

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