एशिया कप की स्क्वॉड का ऐलान 19 अगस्त को किया गया. टीम इंडिया की स्क्वॉड को लेकर फैंस काफी नाखुश दिखे. उनके बीच एक नाम को लेकर चर्चा काफी तेज रही और वो है श्रेयस अय्यर. भारतीय समर्थक कयास लगाए बैठे थे कि अय्यर काफी समय बाद टीम में वापसी करेंगे. हालांकि, ऐसा नहीं हुआ और उन्हें बतौर रिजर्व प्लेयर भी जगह नहीं मिल पाई. इस फैसले का पूर्व क्रिकेटर भी जमकर विरोध करते दिखे. ऐसे में सेलेक्शन को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है, जो आपको चौंका सकता है.
सेलेक्शन को लेकर विवाद
चयनकर्ताओं को लेकर एक और खबर सामने आ रही है. रिपोर्ट्स कि माने तो एशिया कप में सेलेक्टर्स को 17 सदस्यीय स्क्वॉड चुनने को कहा गया था, लेकिन अगरकर ने बस 15 सदस्यों के स्क्वॉड की घोषणा की. ऐसे में ये चीज कई सवाल खड़े करती है और इसको लेकर विवाद खड़ा हो गया है. इस फैसले ने पूरे क्रिकेट फैंस को हैरान कर दिया है और सेलेक्टर्स पर जमकर सवाल दागे जा रहे हैं.
क्या है पॉलिसी?
क्रिकेट बोर्ड के नियमों की मानें तो एशिया कप में हिस्सा लेने वाली हर टीमें 17 खिलाड़ियों को चुनने का नियम है. इससे पहले हांगकांग और पाकिस्तान अपनी 17 सदस्यिए टीमों का एलान कर चुकी हैं. हालांकि, भारत ने 17 की जगह 15 खिलाड़ियों की स्क्वॉड की घोषणा कर सबको हैरान कर दिया है. अभी तक ये साफ नहीं हो पाया है ये सेलेक्टर्स की मनमानी है या फिर बीसीसीआई ने निर्देश दिए थे.
सेलेक्टर्स अगर 17 खिलाड़ियों का चयन करते तो शायद अय्यर को स्क्वॉड में रखने का विवाद शुरु भी ना हुआ होता.
भारत को नुकसान?
रिपोर्ट्स कि माने तो श्रीलंका, अफगानिस्तान, यूएई और ओमान ने अपनी टीमों का ऐलान नहीं किया है. टीम इंडिया महज 15 खिलाड़ियों की स्क्वॉड के साथ उतरेगी. वहीं बाकी की टीमें 17 खिलाड़ियों के साथ एशिया कप में शिरकत करेंगी. ऐसे में अगर कोई खिलाड़ी चोटिल होता है तो इसका खामियाजा भारतीय टीम को भुगतना पड़ सकता है. अगर भारतीय सेलेक्टर्स 17 खिलाड़ियों की स्क्वॉड चुनते तो हमारे पास 2 और विकल्प होते, लेकिन अब हमें सिर्फ 15 खिलाड़ियों की स्क्वॉड के साथ उतरना पड़ेगा.
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