Last Updated:August 21, 2025, 21:30 ISTAmethi News: अमेठी के रामनगर गांव स्थित सती महारानी मंदिर राजा विश्वेश्वर सिंह और रानी के बलिदान की याद में बना है, जो आज भी आस्था और श्रद्धा का प्रमुख केंद्र है.अमेठी: उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले की धरती सिर्फ राजाओं और ऐतिहासिक इमारतों के लिए ही नहीं, बल्कि वीरांगनाओं और उनकी अपूर्व कथाओं के लिए भी प्रसिद्ध है. अमेठी के राज परिवार ने यहां कई धरोहर और ऐतिहासिक इमारतों का निर्माण कराया, जिनका इतिहास आज भी गजेटियर में दर्ज है. इन इमारतों और मंदिरों के पीछे कई रोचक और चौंकाने वाली कहानियां जुड़ी हैं, जिनमें से एक है सती महारानी मंदिर की कहानी. यह मंदिर न केवल ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि आस्था का भी अद्वितीय केंद्र है.
सती महारानी का बलिदानअमेठी के रामनगर गांव में स्थित यह मंदिर राजा विश्वेश्वर सिंह और उनकी रानी से जुड़ी है. राजा विश्वेश्वर सिंह अपनी तेजस्विता और दूरदर्शिता के लिए जाने जाते थे. वर्ष 1842 में उनकी मृत्यु के समय उनकी चिता में अग्नि नहीं जल पा रही थी. इस कठिन समय में रानी ने अपने प्राणों की आहुति देने का निर्णय लिया. लोगों ने बार-बार उन्हें समझाया, लेकिन उन्होंने अपने फैसले से पीछे नहीं हटीं. जैसे ही महारानी चिता पर बैठीं, अग्नि स्वतः प्रज्वलित हो गई और राजा विश्वेश्वर सिंह के साथ उन्होंने भी अपने प्राण न्योछावर कर दिए. इस बलिदान की याद में सती महारानी मंदिर का निर्माण कराया गया.
आज भी श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र
मंदिर आज भी दूर-दूर से सुहागिन महिलाओं और अन्य भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करता है. श्रद्धालु यहां पूजा-पाठ करते हैं और अपनी मनोकामनाओं की पूर्णता की कामना करते हैं. मंदिर में “दुख दूर करने” का विशेष आयोजन भी होता है. विशाल मंदिर परिसर में सामने राजा का राजमहल है, जबकि दूसरी ओर सती महारानी की प्रतिमा और उनका मंदिर स्थापित है. यह स्थल किसी धरोहर या प्राचीन स्मारक से कम नहीं है.
न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।Location :Amethi,Lucknow,Uttar PradeshFirst Published :August 21, 2025, 21:30 ISThomeuttar-pradeshअमेठी का ये मंदिर है सुहागिनों की आस्था का केंद्र!रानी से जुड़ी है इसकी कहानी