Last Updated:August 21, 2025, 13:20 ISTNoida News : नोएडा में रहने वाले उत्तराखंड के रोशन रतूड़ी पिछले 24 साल से परदेस में फंसे भारतीयों के लिए सहारा बने हुए हैं. अब तक वे 26 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित घर पहुंचा चुके हैं और 86 मृतक मजदूरों की …और पढ़ेंनोएडा : नोएडा में रहने वाले उत्तराखंड के रोशन रतूड़ी की कहानी किसी फिल्मी हीरो से कम नहीं है. करीब 42 साल के रोशन पिछले 24 साल से उन भारतीयों के लिए जिंदगी की राह आसान बना रहे हैं, जो रोज़गार की तलाश में विदेश जाते हैं और वहां फंस जाते हैं. मजदूरों का फंसना कई बार एजेंटों की धोखाधड़ी का नतीजा होता है, तो कभी वीज़ा या कानूनी अड़चन की वजह से. लेकिन जब भी किसी परिवार की उम्मीदें टूटने लगती हैं, तब रोशन रतूड़ी अपने स्तर पर पुलिस, दूतावास, लीगल टीम और कोर्ट के जरिए जाल में फंसे लोगों को बाहर निकालकर उनके घर तक पहुंचाने का काम करते हैं. यही नहीं, अब तक वे 86 मृतक भारतीयों की डेडबॉडी भी अपने खर्च पर उनके घर तक पहुंचा चुके हैं.
रोशन का कहना है कि इस काम को करते हुए उन्हें दो दशक से ज्यादा हो गए हैं और यह सिलसिला वे जीवन भर जारी रखना चाहते हैं. उनकी कोशिशों से अब तक 26 हजार से ज्यादा लोग सुरक्षित अपने देश लौट पाए हैं.कई बार एजेंट महज़ दो-तीन हजार के ऑनरेबल वीजा पर भारतीयों को विदेश भेज देते हैं और वहां जाकर उन्हें काम का वादा झूठा साबित होता है. न तो वीज़ा वैध होता है और न ही काम मिलता है, नतीजा यह होता है कि ऐसे लोग विदेश में गिरफ्तार होकर जेल की सलाखों के पीछे पहुंच जाते हैं. इसी स्थिति में रोशन रतूड़ी सामने आते हैं और पूरी कानूनी प्रक्रिया अपनाकर उन्हें छुड़वाते हैं.
कैसे रुकेगा ये गोरखधंधा?
दिलचस्प बात यह है कि रोशन किसी NGO या फंडिंग पर निर्भर नहीं रहते. बल्कि अपनी कमाई का लगभग 45 प्रतिशत हिस्सा इसी मानव सेवा में लगाते हैं. वह फैसिलिटी मैनेजमेंट का बिज़नेस करते हैं और वहीं से होने वाली आय का बड़ा भाग जरूरतमंदों पर खर्च करते हैं. रोशन का मानना है कि जब तक किसी एजेंट या कंपनी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाएगा, तब तक यह गोरखधंधा रुकेगा नहीं. इसलिए वह सबसे पहले धोखाधड़ी करने वाले एजेंट को पकड़ते हैं और उस पर कानूनी कार्रवाई करवाते हैं, जिसके बाद पीड़ित व्यक्ति को सुरक्षित घर लौटने का रास्ता मिल जाता है.
इस नंबर पर करें संपर्कउनकी सामाजिक यात्रा की शुरुआत भी बेहद भावुक रही. करीब 24 साल पहले उन्होंने ओमान में फंसे एक भारतीय शेखर पुजारी की डेडबॉडी लाखों रुपए खर्च करके भारत भेजी थी. कोरोना काल में भी उन्होंने दर्जनों मृत भारतीयों की डेडबॉडी वतन लाने का काम किया. यह जज्बा आज भी उनके अंदर जिंदा है. रोशन कहते हैं कि अगर किसी को मदद चाहिए तो सीधे उनसे संपर्क किया जा सकता है. इसके लिए लोग 00 971 54 447 5913 पर कॉल कर सकते हैं.न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।Location :Noida,Gautam Buddha Nagar,Uttar PradeshFirst Published :August 21, 2025, 13:20 ISThomeuttar-pradeshनोएडा का आम आदमी या साक्षात विदेश मंत्री? 26 हजार मजदूरों की करा चुके हैं…