Last Updated:August 20, 2025, 23:54 ISTMathura News : वृंदावन एक ऐसी पावन भूमि है, जिस पर आने मात्र से ही सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है. यहां मौजूद श्री बांके बिहारी जी के दर्शन से जुड़ी कई कहानियां हैं. आइये जानते हैं.मथुरा. वृंदावन का बांके बिहारी मंदिर जग प्रसिद्ध है. हर दिन हजारों भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं. कभी यहां दिल्ली के मुस्लिम शासक भी ठाकुर जी का दर्शन करने आते थे. श्री बांके बिहारी जी के दर्शन संबंधी कई कहानियां प्रचलित हैं. बांके बिहारी मंदिर के पुजारी शालू उर्फ श्रीनाथ गोस्वामी लोकल 18 से कहते हैं कि स्वामी हरिदास जी का दर्शन प्राप्त करने यहां कई सम्राट आए. एक बार दिल्ली के मुगल शासक अकबर स्वामी जी का दर्शन करने पहुंचे थे. वृंदावन एक ऐसी पावन भूमि है, जिस पर आने मात्र से ही सभी पापों का नाश हो जाता है. ऐसा आखिर कौन होगा, जो इस पवित्र भूमि पर आना नहीं चाहेगा.
कब बनाया गया इसे
यह मंदिर वृंदावन धाम के एक सुंदर इलाके में है. कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण स्वामी श्री हरिदास जी के वंशजो के सामूहिक प्रयास से संवत 1921 में किया गया. श्री हरिदास स्वामी विषय उदासीन वैष्णव थे. उनके भजन–कीर्तन से प्रसन्न हो निधिवन से श्री बांके बिहारी जी प्रकट हुए थे. स्वामी हरिदास जी का जन्म संवत 1536 में भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष में अष्टमी के दिन वृंदावन के निकट राजापुर नामक गांव में हुआ था. उनके आराध्यदेव श्याम–सलोनी सूरत बाले श्री बांके बिहारी जी थे. हरिदास जी स्वामी आशुधीर देव जी के शिष्य थे. इन्हें देखते ही आशुधीर देवजी जान गए थे कि ये सखी ललिताजी के अवतार हैं,
क्यों मनाते हैं इसे
हरिदासजी को रसनिधि सखी का अवतार माना गया है. ये बचपन से ही संसार से ऊबे रहते थे. किशोरावस्था में इन्होंने आशुधीर जी से युगल मंत्र दीक्षा ली और यमुना के पास निकुंज में ध्यान-मग्न रहने लगे. निकुंज वन में ही स्वामी हरिदासजी को बिहारी जी की मूर्ति निकालने का स्वप्नादेश हुआ. यही सुंदर मूर्ति श्री बांके बिहारी जी के नाम से विख्यात हुई. यह मूर्ति मार्गशीर्ष, शुक्ला के पंचमी तिथि को प्रकट हुई थी. इसलिए प्राकट्य तिथि को विहार पंचमी के रूप में मानते हैं. श्री बांके बिहारी जी निधिवन में ही बहुत समय तक सेवित होते रहे थे. जब मंदिर का निर्माण कार्य पूरा हो गया, तब उनको यहां लाकर स्थापित कर दिया गया.न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।Location :Mathura,Uttar PradeshFirst Published :August 20, 2025, 23:54 ISThomedharmऐसा मुस्लिम सम्राट…भगवान का दीवाना, दर्शन के लिए दिल्ली से आता रहा वृंदावन