मक्के के इन उन्नत किस्मों की करें खेती, कम समय में होगी ज्यादा पैदावार, किसानों की होगी मोटी कमाई

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Last Updated:August 20, 2025, 22:00 ISTMaize cultivation: खेती को लाभकारी बनाने के लिए किसान अब पारंपरिक किस्मों के बजाय उन्नत तकनीकों और हाईब्रिड बीजों का इस्तेमाल कर रहे है. मक्का ऐसी ही एक फसल है, जिसकी उन्नत किस्में कम समय में ज्यादा उपज देती है. अगर किसान इन किस्मों की खेती अपनाते है तो उन्हें लाखों की कमाई हो सकती है. खरीफ के सीजन में मक्के की खेती किसानों के लिए लाभदायक साबित हो सकती है. पारंपरिक खेती की तुलना में नई तकनीकों और उन्नत किस्मों का उपयोग कर किसान बेहतर उत्पादन प्राप्त कर रहे हैं. मक्का मोटे अनाजों में सबसे लोकप्रिय फसलों में से एक है. इसकी खास बात यह है कि इसमें उत्पादन अधिक होता है. साथ ही बाजार में इसकी अच्छी कीमत भी मिल रही है. किसान नई तकनीकों और बेहतर किस्मों का उपयोग कर कम लागत में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं. कृषि उपनिदेशक धीरेंद्र सिंह ने लोकल 18 से बातचीत में बताया बाराबंकी जिले में मक्के की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. वही, किसान बरसात के सीजन में मक्के की खेती करना चाहते है तो इसकी कुछ उन्नत किस्मों की खेती कर सकते हैं. ये किस्मे कम समय में अच्छा मुनाफा देकर के जाती है और इसमें रोग प्रतिरोधक की क्षमता अधिक होती है. इन किस्मों की खेती करके अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है. पूसा विवेक हाइब्रिड 27 इम्प्रूव्ड संकर मक्का इस किस्म को वर्ष 2020 में खरीफ सीजन तथा सिंचित क्षेत्र के लिए विकसित किया गया है, यह किस्म 84 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. इसमें प्रोटीन की उच्च मात्रा होती है. इस किस्म से मक्का की उपज औसतन 48.5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है जबकि संभावित उपज 54.1 क्विंटल प्रति हेक्टेयर दर्ज की गई है. इसकी खेती बिहार उत्तर प्रदेश में की जा सकती है. एक्स 1174 डब्ल्यू.वी.मक्का की यह एक मध्यम अवधि की किस्म है. इसे तैयार होने में 80-85 दिन का समय लगता है. मक्का की इस किेस्म के दाने पीले नारंगी रंग के होते हैं. इस किस्म की मक्का की पैदावार 25 से 35 क्विंटल प्रति एकड़ तक प्राप्त की जा सकती है. यह किस्म सिंचित क्षेत्रों के लिए उपयुक्त पाई गई है. मक्का की इस किस्म को पूरे भारत में उगाया जा सकता है. प्रकाश जे. एच. 3189 मक्का की इस किस्म की खेती कहि भी की जा सकती है. मक्का की ये किस्म इसकी संकर किस्मों के अंतर्गत आती है. यह किस्म भी जल्दी पक कर तैयार हो जाती है. मक्का की यह किस्म बुवाई के 80 से लेकर 85 दिन में तैयार हो जाती है. मक्का की इस किस्म से 25 से लेकर 30 क्विंटल प्रति एकड़ तक पैदावार प्राप्त की जा सकती है. मक्का की इस किस्म को सिंचित और असिंचित दोनों क्षेत्रों के लिए उपयुक्त पाया गया है. मक्का की पार्वती किस्म के पौधे मध्यम ऊंचाई के होते हैं. इसके एक पौधे में दो भुट्‌टे लगते हैं। इसमें प्राय: भुट्‌टे पौधे के बीच में थोड़ा की ऊपर ओर लगते हैं. इस किस्म से प्राप्त मक्के के दाने नारंग पीले रंग के एवं कठोर होते है. यह किस्म 110 से लेकर 115 दिन में पककर तैयार हो जाती है. इस किस्म से करीब 14 क्विंटल प्रति एकड़ तक पैदावार प्राप्त होती है. शक्ति 1 किस्म मक्का की जल्दी पकने वाली किस्मों में से एक है. इस किस्म को पूरे भारत में उगाया जाता है. इसके दाने नारंगी सफेद रंग लिए हुए होते है, यह एक मध्यम समय में पकने वाली किस्म है. यह किस्म बुवाई के 90 से लेकर 95 दिन में तैयार हो जाती है. इससे 50 क्विंटल प्रति एकड़ तक उपज प्राप्त की जा सकती है.First Published :August 20, 2025, 22:00 ISThomeagricultureमक्के के इन उन्नत किस्मों की करें खेती, कम समय में होगी ज्यादा पैदावार

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