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types of tulsi know the benefits of ram shyam Kapoor or van | आपके घर में कौन सी किस्म की तुलसी है



Types of Tulsi: भारत में लगभग हर घर में तुलसी का पौधा लगाया जाता है. हमारे लिए यह केवल एक पौधा नहीं, बल्कि परंपरा, आस्था और सेहत का खजाना है. तुलसी के कई प्रकार होते हैं और हर किस्म की अपनी एक अनूठी पहचान होती है. कोई धार्मिक मान्यताओं के लिए जाना जाता है, तो कोई अपने औषधीय गुणों के लिए. तुलसी के कई प्रकार में कपूर और वन तुलसी भी शामिल है. तुलसी की खास बात ये है कि यह अपनी अनूठी सुगंध और औषधीय गुणों से लिए जानी जाती है. 
 
औषधीय गुणों से भरपूर तुलसीपूजा पाठ में इस्तेमाल होने के साथ-साथ तुलसी के कई स्वास्थ्य लाभ भी होते हैं. साइंटिफिक स्टडी से पता चलता है कि तुलसी के कई गुण होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद मानी जाती है. खासकर आयुर्वेद में इसे खास महत्व दिया गया है, क्योंकि यह कई बीमारियों के इलाज में मददगार होती है. साइंटिफिक स्टडी से पता चला है कि तुलसी के कई फायदे भी हैं, जैसे यह स्ट्रेस कम करता है, बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने में मदद करता है, सूजन घटाता है, हार्ट को हेल्दी रखने में मददगार है और साथ ही इम्युनिटी बढ़ाने का काम करता है. 
 
अमेरिका की नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में हुई तुलसी पर रिसर्चअमेरिका की नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में भी तुलसी पर रिसर्च की गई. इसके अनुसार रिसर्चर्स ने 24 ऐसे स्टडी को एनालाइज किया, जिनमें तुलसी के सेवन से हेल्थ पर पॉजिटिव असर पड़ता है. ये स्टडी गूगल स्कॉलर, पबमेड, मेडलाइन जैसे डेटाबेस और किताबों, रिसर्च पेपर और कॉन्फ्रेंस से लिए गए. इनमें यह पाया गया कि तुलसी डायबिटीज, हार्ट की बीमारियों, स्ट्रेस और मेंटल हेल्थ को बेहतर बनाने में मदद करती है. खास बात यह है कि किसी भी स्टडी में तुलसी के इस्तेमाल से कोई गंभीर नुकसान नहीं देखा गया.
 
कितने तरह की तुलसी पाई जाती है?भारत में चार तरह की तुलसी पाई जाती है और इसके बेहद खास फायदे भी होते हैं. इसमें राम, श्याम, कपूर और वन के अपने अनूठी सुगंध और औषधीय गुण होते हैं. इसके अलावा, दक्षिण-पूर्व एशिया की ‘देवना’ या थाई तुलसी भी अपने स्वाद और औषधीय महत्व के लिए फेमस है. औषधीय गुणों से भरपूर तुलसी शरीर की कई समस्याओं को दूर करने में मददगार है.
 
तुलसी के फायदेहरी पत्तियों और मीठी सुगंध वाली राम तुलसी इम्युनिटी बूस्ट करती है और खांसी-सर्दी में राहत देती है. यह आयुर्वेद में खास स्थान रखती है. वहीं, कृष्ण तुलसी, जिसे श्यामा तुलसी भी कहते हैं, बैंगनी पत्तों और तीव्र सुगंध वाली यह तुलसी गले के इंफेक्शन, स्किन से जुड़ी समस्याएं और सूजन के इलाज में असरदार है. इसका गर्म प्रभाव शरीर को एनर्जी देता है.
 
आयुर्वेद में तुलसी के फायदेवही, हिमालयी क्षेत्र में पाई जाने वाली वन तुलसी को जंगली तुलसी भी कहते हैं, जो एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है. आयुर्वेदिक टॉनिक में इसका इस्तेमाल एनर्जी और जीवन की शक्ति बढ़ाने के लिए किया जाता है. कपूर तुलसी की सुगंध नेचुरली मच्छर भगाने का काम करती है. यह हवा को शुद्ध करती है और सांस से जुड़ी समस्याओं को बेहतर बनाती है.
 
कैसे होती है दक्षिण-पूर्व एशिया में पाई जाने वाली तुलसी?वहीं, दक्षिण-पूर्व एशिया में पाई जाने वाली देवना तुलसी अपने तीखे, ऐनीज और स्वाद के लिए जानी जाती है. छोटी, नुकीली पत्तियों और बैंगनी-गुलाबी फूलों वाली यह तुलसी थाई, वियतनामी और कम्बोडियन व्यंजनों में खूब इस्तेमाल होती है, जैसे थाई करी और ताइवानी सानबेजी. पश्चिमी देशों में भी इसे पसंद किया जाता है. आयुर्वेद में इसके औषधीय गुणों का इस्तेमाल कान के दर्द में इलाज के लिए किया जाता है. इसे ‘अमेरिकन बेसिल’ या ‘नागबोय’ भी कहा जाता है.–आईएएनएस
 
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.



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