बाढ़ के बाद बढ़ जाती है इन किसानों की पैदावार, नुकसान के बाद भी खुश, खेती का ये सीक्रेट निराला

admin

'आराम करो, जल्दी मिलते हैं'...PM मोदी ने नवीन पटनायक को क्यों मिलाया फोन?

Last Updated:August 20, 2025, 15:54 ISTFlood impact on agriculture : बाढ़ के बारे में आमतौर नकारात्मक बातें ज्यादा सुनने को मिलती हैं. अक्सर ये अपने साथ तबाही लाती हैं. इनकी चपेट में आने वाली फसलें बर्बाद हो जाती हैं, लेकिन सिक्के का दूसरा पहलू भी ह…और पढ़ेंमिर्जापुर. उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में बाढ़ किसानों के लिए आफत बनकर आती है. मिर्जापुर जिला इनमें से एक है. इस बार भी यहां बाढ़ से किसानों को काफी नुकसान हुआ है. पशु चारे से लेकर सब्जी की फसल तक, सब बर्बाद हो गई. हालांकि इसके बाद भी किसान खुश हैं. उनका मानना है कि बाढ़ के बाद खेतों की उर्वरक क्षमता बढ़ जाती है और पहले की अपेक्षा कहीं ज्यादा पैदावार होती है. इससे एक दो नहीं बल्कि तीन से चार साल तक अधिक पैदावार होती है. बाढ़ के बाद सब्जी की खेती करने पर जबरदस्त उपज होती है. मिर्जापुर जिले में सीखड़, मझवां और चुनार क्षेत्र के किसान सबसे ज्यादा बाढ़ से प्रभावित होते हैं.

खेतों के लिए संजीवनी

मिर्जापुर जिले में चील्ह क्षेत्र में किसान बाढ़ से परेशान थे, लेकिन बाढ़ के बाद अब खुश दिखाई दे रहे हैं. उनका कहना है कि यह खेतों के लिए संजीवनी से कम नहीं है. किसान कड़ेंदीन यादव लोकल 18 से कहते हैं कि बाढ़ से फसलों को नुकसान हुआ है. पशुओं के लिए चारे की समस्या हुई है. हालांकि अब अधिक पैदावार होगी. हर खेती में बेहतर उपज पक्की है. इस समय पालक, टमाटर और भिड़ी आदि की खेती की जा सकती है.

बनी रहती है नमी

किसान कड़ेंदीन यादव ने बताया कि बाढ़ के पानी के बाद खेतों में नमी बरकरार रहती है. इससे बाद सिंचाई की जरूरत नहीं होती है. बाढ़ के साथ पोषक तत्व भी आते हैं. फसलों के लिए 16 पोषक तत्व की आवश्यकता होती है. बाढ़ में सभी पोषक तत्व पानी के माध्यम से खेतों में आ जाते हैं. यह तीन से चार साल तक खेतों में मौजूद रहते हैं. किसानों के लिए यह समय खेती के सबसे उपयुक्त है. इस समय किसी भी चीज फसल को उगाना फायदे का सौदा है.Location :Mirzapur,Uttar PradeshFirst Published :August 20, 2025, 15:54 ISThomeagricultureबाढ़ के बाद बढ़ जाती है इन किसानों की पैदावार, खेती का ये सीक्रेट निराला

Source link