Last Updated:August 19, 2025, 10:21 ISTमिर्जापुर में बना 10 बेड का पोषण पुनर्वास केंद्र बच्चों के लिए वरदान साबित हो रहा है. बिना किसी खर्च के बच्चों का सम्पूर्ण इलाज व खान-पान का ध्यान सरकार दे रही है. इसके लिए परेशान भी होने की आवश्यकता नहीं है.मिर्जापुर : अक्सर आपका छोटा बच्चा बीमार होने लगता है. बेहतर खान-पान के बाद भी सुधार नहीं होता है. इलाज कराते-कराते थक जाते हैं. अगर ऐसे लक्षण आपके बच्चों के अंदर है तो तत्काल अस्पताल में दिखाएं. यह कुपोषण का लक्षण हो सकता है. डॉक्टर को दिखाने के बाद बच्चे के खान-पान के साथ सरकार पूरा ख्याल रखती है और बच्चों को ठीक करती है. मिर्जापुर में बना 10 बेड का पोषण पुनर्वास केंद्र बच्चों के लिए वरदान साबित हो रहा है. बिना किसी खर्च के बच्चों का सम्पूर्ण इलाज व खान-पान का ध्यान सरकार दे रही है. इसके लिए परेशान भी होने की आवश्यकता नहीं है.
पोषण पुनर्वास केंद्र की डॉ. कालिंदी ने लोकल 18 से बताया कि हमारे यहां 0 से 5 साल के बच्चों का इलाज होता है. 10 बच्चों का यहां पर बेड है. अबतक 15 से 20 बच्चे पूरी तरह से ठीक होकर जा चुके हैं. सबसे ज्यादा डायरिया, लूज मोशन और अलग-अलग विटामिन की कमी से बच्चे आते हैं. कई बच्चे बुखार से पीड़ित होते हैं. वर्तमान में दो जुड़वा बच्चे कुपोषित है. हालांकि, अब इलाज के बाद उनके अंदर सुधार आ रहा है. कुपोषित का लक्षण खाने के बाद शरीर में न लगना व विकास नहीं होना आदि है. यहां पर लाकर बच्चों का इलाज करा सकते हैं.
काफी हुआ विकास
हलिया की रहने वाली निराशा ने बताया कि हमारे जुड़वा बच्चे हैं. काफी दिनों से बीमार चल रहे थे. वजह भी काफी कम हो गया. डायरिया और लूज-मोशन से दोनों परेशान थे. यहां आने के बाद पता चला कि कुपोषण का शिकार है. एक सप्ताह से भर्ती कराए हुए हैं. अब काफी सुधार हो रहा है. कोई परेशानी नहीं हो रही है. गणेशगंज की रहने वाली मंजू ने बताया कि काफी खान-पान के बाद भी बच्ची के शरीर में नहीं लगता था. अब यहां पर आएं हैं तो बच्ची को काफी फायदा हुआ है. सरकार को हम धन्यवाद कहेंगे कि इतना बढ़िया इलाज हो रहा है और कोई परेशानी नहीं हो रही है.न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।Location :Mirzapur,Uttar PradeshFirst Published :August 19, 2025, 10:21 ISThomeuttar-pradeshमिर्जापुर का पोषण केंद्र दे रहा नई जिंदगी, मुफ्त इलाज से बच्चों में सुधार