आज के समय में लोग इतने ज्यादा स्ट्रेस, काम और जिम्मेदारियों के बोझ के नीचे दब गए हैं, कि रात भी बिस्तर पर बेचैनी में कट जाती है. नींद जो कि दिमाग को शांत करने और शरीर को आज से रिकवर करने और अगले दिन की मेहनत के लिए तैयार करने के लिए जरूरी है, नहीं पूरी होती है. ऐसे में कई लोग आज कल कुछ देर सोने के लिए स्लीपिंग पिल्स का सहारा लेने के लिए मजबूर हो गए हैं. इस दवा को खाते से व्यक्ति तुरंत सो तो जाता है लेकिन लंबे समय में इसके ब्रेन पर कई नकारात्मक असर भी नजर आने लगते हैं.
फिटनेस कोच मिकी मेहता ने हाल ही में इंस्टाग्राम पर नींद की परेशानी से जूझ रहे लोगों के लिए अपने ऑफिशियल अकाउंट से एक असरदार उपाय शेयर किया है. उन्होंने बताया कि यह एक बहुत ही प्राचीन आयुर्वेदिक उपाय है, जिसके करते ही कुछ मिनटों में दिमाग शांत होने लगता है और गहरी नींद बहाल होती है. तो चलिए इस लेख में जानते हैं तुरंत सोने की ये तरकीब कैसे काम करती है.
इन चीजों से नींद की परेशानी करें दूर
इस उपाय को करने के लिए सिर्फ एक चुटकी गाय का शुद्ध घी (विशेषकर A2),जायफल और जावित्री और यदि मुमकिन होता तो केसर के एक-दो रेशे को मिलाकर नाभि पर लगाएं. मिकी मेहता बताते हैं कि नाभि पर लगाया गया ये मिश्रण शरीर को आराम देता है, वेगस नर्व को शांत करता है.
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नाभि पर घी लगाने के फायदे
आयुर्वेद में नाभि को ऊर्जा बिंदु माना गया है, जिसके आसपास हजारों नसें और पेचोटी ग्रंथि से जुड़ी प्रक्रिया चलती है. यह जगह शरीर और मस्तिष्क को जोड़ती है, जिस पर ध्यान देने मात्र से मन शांत हो सकता है. वहीं, गाय के शुद्ध घी में हेल्दी, घुलनशील विटामिन (A, D, E, K) होते हैं. ऐसे में जब नाभि पर घी लगाया जाता है तो यह सीधे त्वचा में पहुंचता है.
नींद के लिए कैसे काम करता है
एक्सपर्ट नाभि पर घी की कुछ बूंदों को गिराकर कुछ देर छोड़ने के बाद गोलाकार मसाज करने की सलाह देते हैं. इससे वेगस नस शांत होती है, जिससे श्वसन और चयापचय दोनों कंट्रोल होते हैं, जो नींद को ट्रिगर करते हैं. इसके साथ ही इस स्थान की गर्माहट और उस पर मसाज पाचन अग्नि को संतुलित करता है, जिससे गैस, अपच जैसी समस्याएं दूर हो सकती हैं.
जायफल, जावित्री और केसर के फायदे
जायफल का तासीर गर्म होती है और यह मन को शांत करने, गहरी नींद लाने और पाचन सुधारने में मदद करता है. आयुर्वेद में यह सिर दर्द, गैस और अनिद्रा जैसी समस्याओं में अक्सर प्रयोग होता है. वहीं, जावित्री और केसर ये दोनों ही अत्यधिक सुगंधित और आयुर्वेद में संतुलन, शांति और मानसिक स्थिरता लाने के लिए पारंपरिक रूप में उपयोग किए जाते हैं.
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Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.