Last Updated:August 18, 2025, 21:59 ISTवाराणसी के बीएलडब्ल्यू ने रेल पटरियों के बीच हटाने योग्य सौर पैनल सिस्टम लगाया है, जो 15 किलोवाट बिजली बनाएगा. यह प्रोजेक्ट रिन्युएबल एनर्जी में सहायक होगा.वाराणसी में शुरू किया गया पायलट प्रोजेक्ट.
वाराणसी. बनारस लोकोमोटिव वर्क्स (बीएलडब्ल्यू), वाराणसी ने रेल पटरियों के बीच देश का पहला हटाने योग्य सौर पैनल सिस्टम स्थापित कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. यह पायलट प्रोजेक्ट बीएलडब्ल्यू की वर्कशॉप लाइन नंबर 19 पर शुरू किया गया है, जो सरकार के रिन्यूवल एनर्जी और जलवायु परिवर्तन को कम करने सहायक होगा.
इस प्रोजेक्ट के तहत स्वदेशी तकनीक का उपयोग कर रेल पटरियों के बीच 70 मीटर लंबा सौर पैनल सिस्टम लगाया गया है, जिसमें 28 सौर पैनल हैं. ये पैनल 15 किलोवाट बिजली पैदा करने में सक्षम हैं. खास बात यह है कि ये पैनल टिकाऊ, कुशल और आसानी से हटाने योग्य हैं, जिससे रेल ऑपरेशंंस में कोई रुकावट नहीं आएगी. इस प्रोजेक्ट में कई चुनौतियों का समाधान किया गया है. ट्रेनों के गुजरने से होने वाले कंपन से बचाव के लिए रबर माउंटिंग पैड का उपयोग किया गया है. पैनलों को कंक्रीट स्लीपर पर मजबूती से जोड़ने के लिए विशेष एपॉक्सी गोंद का इस्तेमाल किया गया है.
इतना ही नहीं चोरी और तोड़फोड़ से बचाव के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. साथ ही, रेल पटरियों के रखरखाव के लिए पैनलों को चार स्टेनलेस स्टील एलन बोल्ट की मदद से आसानी से हटाया जा सकता है.
भारतीय रेलवे के 1.2 लाख किलोमीटर के नेटवर्क में यार्ड लाइनों पर ऐसे सौर पैनल लगाए जा सकते हैं. इसके लिए अतिरिक्त जमीन की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि पटरियों के बीच की खाली जगह का उपयोग होगा. इस योजना से प्रति किलोमीटर प्रति वर्ष 3.50 लाख यूनिट बिजली उत्पादन की संभावना है. यह पहल भारतीय रेलवे को 2030 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को पूरा करने में सहायक होगी.
न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।Location :Varanasi,Uttar PradeshFirst Published :August 18, 2025, 21:59 ISThomeuttar-pradeshजिस ट्रैक पर आपकी ट्रेन दौड़ रही हो, उसके नीचे हो सकता है बन रही हो बिजली