Last Updated:August 17, 2025, 16:17 ISTमोहगनी पेड़ की बाजार में काफी मांग रहती है.इसकी लकड़ी कई चीजों में प्रयोग होती है. खास तौर पर फर्नीचर प्लाईवुड व साज सज्जा के सामान भी खूब बनाए जाते है. इसके अलावा मूर्तियां और कीमती गहने बनाए जाते जिस वजह से किस…और पढ़ेंजहां आजकल पारंपरिक फसलों मे हो रहे रहे कम मुनाफे के कारण किसान अब नई फसलों की खेती की ओर रुख कर रहे हैं. इन नई फसलों में महोगनी का पेड़ एक लाभदायक विकल्प बनकर उभर रही है. महोगनी की खेती का चलन तेजी से बढ़ रहा है. महोगनी की लकड़ी बाजार में काफी मांग में है. यह पेड़ औषधीय गुणों से भी भरपूर है। किसान इसकी खेती से लाखों रुपए का मुनाफा कमा सकते हैं. पारंपरिक फसलों की तुलना में महोगनी की खेती में लागत भी कम आती है महोगनी की लकड़ी से फर्नीचर से लेकर कई तरह के उत्पाद बनाए जाते हैं. इसकी मजबूत और टिकाऊ लकड़ी की बाजार में अच्छी कीमत मिलती है.
दरअसल मोहगनी पेड़ की बाजार में काफी मांग रहती है. इसकी लकड़ी कई चीजों में प्रयोग होती है. खास तौर पर फर्नीचर प्लाईवुड व साज सज्जा के सामान भी खूब बनाए जाते है. इसके अलावा मूर्तियां और कीमती गहने बनाए जाते जिस वजह से किसान इसकी खेती कर शानदार मुनाफा भी कमा रहे हैं. वहीं बाराबंकी जिले के हरक ब्लॉक क्षेत्र के सैदाहा गांव के रहने वाले किसान संग्राम सिंह महोगनी पेड़ो की बागवानी कर रहे है. जिससे उन्हें इस खेती से लाखो रुपये तक का मुनाफा हो सकता है.
मोहगनी पेड़ की बाजार में काफी मांग
इसकी की खेती कर रहे किसान संग्राम सिंह ने बताया कि वैसे तो धान गेहूं आदि खेती करता था फिर हमें मोहगनी की खेती की जानकारी हुई. उसके बाद हमने सोचा क्यों ना इसकी खेती की जाए. फिर हमने अपने खेतों व मेड़ो पर लाइन टू लाइन महोगनी के पेड़ लगाए जो करीब 2 वर्ष के हो चुके हैं. इसका पौधा हमें वन विभाग से करीब 80 रुपया पर पौधा मिला. जो हम दो बीघे जमीन पर लगाए है. जिसमे हमारी लागत करीब पांच हजार रुपये आई है. वहीं अगर मुनाफे की बात करें तो कहा जाता है. यह पेड़ 12 साल में तैयार हो जाता है जो करीब 50 हजार रुपये कीमत देकर क़े जाता है. इसकी खेती से लाखों रुपए का मुनाफा मिल सकता है.
महोगनी की खेती से लाखों की कमाईमहोगनी की खेती करना काफी आसान है.सबसे पहले इसके पौधे को नर्सरी से लाएं. इसके बाद इसकी रोपाई कर दें. रोपाई के लिए गड्ढा 2 फीट गहरा और 2 फीट चौड़ा हो. वहीं, इसके लिए जमीन तैयार करने की जरूरत नहीं होती है. मिट्टी बहुत अधिक रेतीली न हो. रोपाई के बाद अब इसमें गोबर से तैयार खाद का इस्तेमाल करें. वहीं पौधे लगाने के बाद इसकी सिंचाई करनी पड़ती है. इसके पौधे लगाने के एक महीने बाद पौधे की ग्रोथ होने लगती है. वही, 12 साल में यह पूरी तरह तैयार हो जाता है.न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।Location :Bara Banki,Uttar PradeshFirst Published :August 17, 2025, 16:17 ISThomeuttar-pradeshयह पेड़ नहीं नोट छापने की है मशीन, किसान एक बार खेत में कर दें रोपाई