Health

NASA research shows 10 minutes of rebounding is more effective than 30 minutes of running | NASA की रिसर्च- 10 मिनट की ‘रीबाउंडिंग’ 30 मिनट की दौड़ से ज्यादा असरदार



लाइफस्टाइल की आदतों से होने वाले नुकसानों से बचने के लिए फिटनेस जरूरी है. लेकिन फिर भी ज्यादातर लोग ऐसे हैं, जो हफ्ते में दो दिन भी एक्सरसाइज के लिए समय नहीं निकाल पाते हैं. भागती दौड़ते इस जमाने में काम और जिम्मेदारियों का बोझ इतना बढ़ गया है कि लोगों के पास खुद के लिए ही समय नहीं है. 
लेकिन अब एक ऐसी एक्सरसाइज सामने आई है, जो कम समय में ज्यादा फायदा देती है. इसके बारे में खास बात ये है कि इसे करने के लिए आपको जिम या पार्क जाने की भी जरूरत नहीं है. इसे घर पर आसानी से किया जा सकता है. NASA की एक रिसर्च के मुताबिक, केवल 10 मिनट की रिबाउंडिंग एक्सरसाइज आपको मानसिक और शारीरिक रूप से दुरुस्त करने के लिए काफी है. 
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क्या है रिबाउंडिंग एक्सरसाइज?
रिबाउंडिंग का मतलब मिनी-ट्रैम्पोलिन पर हल्का उछलना है. यह 30 मिनट की दौड़ से लगभग 68% ज्यादा असरदार हो सकती है. यह एक्सरसाइज ना केवल समय की बचत करती है. बल्कि इसे करते वक्त बॉडी पर ज्यादा प्रेशर भी नहीं पड़ता है, जिससे इसे वो लोग भी कर सकते हैं जिन्हें जोड़ों में दिक्कत है. इसे करने के लिए बस एक छोटा सा ट्रैम्पोलिन और 10 मिनट का समय, और आप घर बैठे जबरदस्त फिटनेस के फायदे पा सकते हैं. 
फिर फेमस हो रही 1980 की एक्सरसाइज 
रिबाउंडिंग एक प्रकार की एरोबिक एक्सरसाइज है, जिसमें व्यक्ति एक छोटे ट्रैम्पोलिन पर उछलता है. इसमें हेल्थ बाउंस, जंपिंग जैक्स, ट्विस्ट्स और डांस-स्टाइल मूव्स शामिल होते हैं. इस एक्सरसाइज को 1980 के दशक में खूब पसंद किया गया था, और अब यह फिर से फेमस हो रहा है.
NASA की रिसर्च क्या कहती है?
NASA की 1980 की एक स्टडी में पाया गया कि रिबाउंडिंग से हार्ट रेट, ऑक्सीजन की खपत और एनर्जी बर्निंग की दर, जमीन पर दौड़ने की तुलना में अधिक होती है. मतलब ये कि शरीर कम समय में ज्यादा मेहनत का असर छोड़ती है. NASA ने यह रिसर्च अंतरिक्ष यात्रियों के लिए की थी, ताकि जीरो-ग्रैविटी में उनके शरीर की मांसपेशियाँ और हड्डियां मजबूत बनी रहें. लेकिन यह टेक्नीक अब धरती पर भी आम लोगों के लिए कारगर साबित हो रही है.
फायदे क्या हैं?
10-15 मिनट की रिबाउंडिंग से 30 मिनट की जॉगिंग जितनी कैलोरी बर्न हो सकती है. जो इसे वेट लॉस के लिए भी फायदेमंद बनाती है. इसमें जोड़ों पर ज्यादा दबाव नहीं पड़ता. दौड़ की तुलना में रिबाउंडिंग शरीर पर 85% तक कम झटका डालती है. हर बाउंस के साथ शरीर का बैलेंस बनाए रखना पड़ता है, जिससे कोर मसल्स मजबूत होते हैं. यह एक्सरसाइज शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकालने वाले लिम्फैटिक सिस्टम को एक्टिव करती है, जिससे इम्यून सिस्टम बेहतर होता है.
कैसे करें शुरुआत?
एक मिनी-ट्रैम्पोलिन लें जो आराम से घर में रखा जा सके. शुरुआत हेल्थ बाउंस से करें. हल्के-फुल्के उछाल जिसमें पैर जमीन से ज्यादा ऊपर न उठें. फिर धीरे-धीरे जंपिंग जैक्स या डांस मूव्स जोड़ें. एक दिन में 10-15 मिनट इन एक्सरसाइज को करना काफी है.
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Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें. 
 



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