यहां से आगे जाना मना है… सड़क से लेकर खेत-खलिहाल सब बाढ़ की त्रासदी में बह गए

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Last Updated:August 17, 2025, 13:59 ISTFlood News: कई गांवों को बाढ़ के पानी ने घेर रखा है. चारों तरफ पानी ही पानी नजर आता है. गांव को मुख्यालय से जोड़ने के लिए एक मात्र रास्ता है, जिसके ऊपर करीब 2 फीट पानी बह रहा है. जिससे ग्रामीणों को आने-जाने में…और पढ़ेंफर्रुखाबाद: नरौरा बांध से छोड़े गए पानी के कारण गंगा खतरे के निशान के ऊपर पहुंच गई है. ऐसे में कमालगंज और भटपुरा, मड़ैयन घाट के रोड पर भी गंगा का पानी बह रहा है. बाढ़ की तेज धारा से दोपहिया वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इस बीच बघार के जलस्तर में भी भारी बढ़ोतरी जारी है. भटपुरा, कल्लू नगला के साथ ही जंजाली नगला भी गंगा के बाढ़ के पानी से घिर गया है. घरों में बाढ़ का पानी भर गया है. साथ ही गंगा लगातार कटान कर रहीं है, जिससे ग्रामीण भयभीत हैं.

बता दें कि बीते दिनों गंगा की धार की चपेट में आने से कई मकान कट चुके हैं. एक मकान गंगा की धार में लटक रहा है. वह कभी भी बाढ़ में चपेट में आकर गंगा में समा सकता है. वहीं कटान को रोकने के लिए सिंचाई विभाग की तरफ से बालू भरी बोरियां लगाई गई हैं. पूरे गांव को बाढ़ के पानी ने घेर रखा है. चारों तरफ पानी ही पानी नजर आता है. गांव को मुख्यालय से जोड़ने के लिए एक मात्र रास्ता है, जिसके ऊपर करीब 2 फीट पानी बह रहा है. जिससे ग्रामीणों को आने-जाने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि इसी तरह यदि लगातार गंगा का जलस्तर बढ़ता रहा तो मुख्यालय से भी संपर्क टूट जाएगा.

बाढ़ के बीच स्थिति जानने को लेकर जिलाधिकारी आशुतोष त्रिवेदी मौके पर प्रशासनिक अधिकारियों के साथ पहुंचे. खुद नाव में सवार होकर गांव में पहुंचे. वहां की स्थिति का जायजा लिया. इसके साथ ही पास में ही बन रहे पुल की भी स्थिति को जाना. ऐसे में उन्होंने स्थानीय धरातल पर होने वाली समस्याओं को निकटता से परखा और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए.

रिकॉर्ड पानी छोड़े जाने से दिख रहा भयऐसे में दो दिनों में नदी का जलस्तर 1.75 मीटर बढ़ चुका है. मंगलवार को गंगा का जलस्तर दूसरे दिन खतरे के निशान से 10 सेंटीमीटर बढ़कर 137.20 सेमी पहुंच गया. नरौरा बांध से सुबह 2,81,676 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, वहीं 3,05041 क्यूसेक पानी छोड़ा गया. इस बार नरौरा बांध से अभी तक सबसे ज्यादा पानी छोड़े जाने से हालात और गंभीर होने के आसार हैं.

चारों ओर तीव्र वेग से बढ़ रहा पानी.
ग्रामीण ने गांव और घरों में भर पानी को लेकर बताया कि हम लोगों के सामने बहुत समस्याएं हैं. हम गरीबों की यहां पर कोई सुनने वाला नहीं है. हमारे घर में राशन तक नहीं है और कई दिनों से बाढ़ का पानी घर में भरा हुआ है. हम लोगों के सामने खाने पीने के सामान की सबसे बड़ी परेशानी है और हम लोग इधर-उधर से खाने पीने की व्यवस्था करते हैं. वहीं यह भी बताया कि गांव की स्थिति बहुत बुरी है और गांव में बाढ़ का पानी भरा हुआ है. खाना बनाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. गांव में भरे बाढ़ का पानी निकलने के लिए रास्ता नहीं है. पुलिया बन जाए तो गांव से बाढ़ का पानी निकल जाए.

वर्ष 2010 में सबसे ज्यादा छोड़ा गया था पानीफर्रुखाबाद में नरौरा बांध से लगातार पानी छोड़े जाने से वर्ष 2010 जैसी बाढ़ आने के हालात बनते जा रहे हैं. सात से लेकर नौ अगस्त तक गंगा में 13,32047 क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है. इसके चलते गंगा नदी ने रौद्र रूप ले लिया है. वर्ष 2010 में आई बाढ़ के दौरान नरौरा बांध से सबसे ज्यादा 6,00130 क्यूसेक पानी 29 सितंबर 2010 को छोड़ा गया था. 24 अगस्त 2011 में 3,41,936 क्यूसेक पानी पास किया गया. वहीं 16 अगस्त 2013 को 5,86,496 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया. 28 अगस्त 2023 को 3,17,158 क्यूसेक पानी बांध से छोड़ा गया था. ग्रामीणों का पलायन के लिए कर रहा है विवश.न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।Location :Farrukhabad,Uttar PradeshFirst Published :August 17, 2025, 13:59 ISThomeuttar-pradeshयहां से आगे जाना मना है… सड़क से लेकर खेत-खलिहाल सब बाढ़ की त्रासदी में बहे

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