लखनऊ: इस समय यूपी के सियासी गलियारे में सबसे ज्यादा किसी का नाम चर्चाओं में है तो वो कौशांबी चायल विधानसभा से विधायक पूजा पाल. जबसे उन्हें समाजवादी पार्टी से निष्कासित किया गया है. तब से ही तमाम खबरें सामने आ रही है. कहा जा रहा कि सपा चीफ अखिलेश यादव ने उन्हें इसलिए पार्टी से निकाला क्योंकि उन्होंने सीएम योगी की तारीफ कर दी. अब समाजवादी पार्टी से निकाले जाने के बाद पहली बार विधायक पूजा ने न्यूज 18 पर अपनी चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने अपने निष्कासन के पीछे दो बड़े कारण बताए हैं.
यह हैं 2 कारण
पूजा पाल ने कहा, मुझे पार्टी से बाहर निकालने के 2 कारण है. पहला- विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ करना, जिससे अखिलेश यादव नाराज हो गए. दूसरा– अपने पति राजू पाल के हत्यारे अतीक अहमद को माफिया कहना, जो सपा नेतृत्व को नागवार गुजरा. विधायक ने कहा कि उमेश पाल हत्याकांड पर सवाल उठाने पर सपा में बैठे अतीक समर्थक नाराज हो गए थे.
9 दिन में हुईं विधवा
उन्होंने कहा कि उनके पति राजू पाल को जनता ने 2005 में अतीक के आतंक से परेशान होकर विधायक बनाया था. मगर, अतीक ने विधायक बनने के तीन महीने के भीतर सड़क पर दौड़ा-दौड़ाकर उनकी हत्या कर दी थी. शादी के सिर्फ 9 दिन बाद ही वह विधवा हो गईं. उन्होंने आरोप लगाया कि अतीक को समाजवादी पार्टी का खुला संरक्षण प्राप्त था. सपा उसे सांसद और विधायक बनाकर उसका समर्थन करती रही और बदले में उससे मदद भी लेती रही. सपा सरकार के संरक्षण से ही अतीक गाजर मूली की तरह हत्या करवाता था. उन्होंने कहा कि यहां तक कि UPA सरकार में ही सोनिया गांधी के करीबी की जमीन पर अतीक ने कब्जा कर लिया था.
विधायक ने बताया कि अतीक ने उन्हें धमकाने, खरीदने और मारने की कोशिश की थी। यहां तक कि उसने उनके करीबियों और भाई तक को अपने पक्ष में कर लिया। लेकिन उन्होंने कभी डरकर कदम पीछे नहीं हटाए और अतीक के खिलाफ कानूनी लड़ाई जारी रखी. मगर मैंने अतीक के आतंक को खत्म करने की कसम खाई थी. मेरे बुरे वक्त में मेरे समाज ने मेरी बहुत मदद की.
इसलिए लग गया बुरा…
उन्होंने आरोप लगाया कि अखिलेश यादव ने खुद मुख्यमंत्री को भड़काया था, जिसके बाद सीएम योगी ने अतीक को ‘मिट्टी में मिलाने’ की बात कही थी. मगर, उन्हें अंदाजा नहीं था कि योगी सरकार उस पर अमल भी करेगी. मैंने अपने पति के हत्यारे को मिट्टी में मिलवाने के लिए मुख्यमंत्री की तारीफ की. कौन सी पत्नी अपने सुहाग के कातिल की मौत पर खुश नहीं होगी? सीएम योगी जो कहते है, वो करते है. कानून व्यवस्था के मुद्दे पर योगी सरकार ने अभूतपूर्व काम किया है.
कौशांबी चायल विधानसभा से विधायक ने सपा पर दोहरा चरित्र अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी कभी पीड़ित की पैरवी करती है तो कभी अपराधी की. कभी अखिलेश जी उमेश पाल की हत्या पर सवाल उठाते है, तो कभी अतीक से जुड़े लोगो के एनकाउंटर पर. अखिलेश जी का PDA सिर्फ दिखावा है. मुझे सिर्फ इसलिए पार्टी से निकाला गया क्योंकि मैं PDA समाज की बेटी हूं और अतीक के खिलाफ खड़ी रही.
कभी भाजपा सरकार में किसी से बात नहीं हुई
उन्होंने यह भी कहा, ‘मैंने राज्यसभा में अपने अंतर्मन से BJP का किया समर्थन. सपा को निकालना था तो उसी वक्त कर देते मुझे पार्टी से बाहर. बीते दिनों सपा से राकेश सिंह, अभय सिंह और मनोज पांडे को किया बाहर, लेकिन मुझे फिर भी नहीं किया बाहर. ये सच है कि मैंने सदन में कि CM योगी की तारीफ, लेकिन मुलायम सिंह यादव ने भी की थी संसद में PM मोदी की तारीफ. मैं चाहती तो उस वक्त बसपा में ही बहन मायावती जी से मांग सकती थी मंत्री पद की, लेकिन मुझे टिकट, विधायक, मंत्री पद की कभी चाहत नहीं रही. मुझे ऊपर वाले पर पूरा भरोसा है कि मुझे न्याय मिलेगा. मै अपने समाज के लिए हमेशा संघर्ष करुंगी. सपा से निष्कासित किए जाने के बाद समाज के लोग लगातार फोन कर रहे हैं. BJP या सरकार के किसी व्यक्ति से मेरी बात नहीं हुई.’