Importance of Vaccination: वैक्सीनेशन जरूरी होने के बाद भी, कई बार वर्किंग पेरेंट्स अपने बच्चों की हेल्थ पर उतना ध्यान नहीं दे पाते हैं, जिसके कारण उनके बच्चों को भविष्य में गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ जाता है. ऐसे में बच्चे की हेल्थ को लेकर चिंता उनके मन में घर कर जाती है. इन्हीं सभी बातों को लेकर डॉक्टर अंकित ओम ने कुछ टिप्स बताएं हैं. आईएएनएस से बात करते हुए डॉक्टर अंकित ओम ने बताया कि कैसे वर्किंग पेरेंट्स बच्चों का वैक्सीनेशन करवाने के लिए समय निकाल सकते हैं?
वर्किंग पेरेंट्स वैक्सीनेशन का समय निकालेंडॉक्टर ने कहा, “वर्किंग पेरेंट्स पार्ट टाइम में या फ्री समय में पास के किसी भी क्लीनिक, हॉस्पिटल या वैक्सीनेशन इंस्टीट्यूट जाकर बच्चे के वैक्सीनेशन के लिए अपने शेड्यूल के हिसाब से वहां वैक्सीनेशन अपॉइंटमेंट लेटर बनवा लें, फिर उसे ट्रैक करते रहें और साथ ही, वहां के कम्यूनिकेटर से बातचीत करके शेड्यूल के हिसाब से छुट्टी लेकर बच्चे का वैक्सीनेशन करवा सकते हैं.”
हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर डिपार्टमेंट ने दी वैक्सीनेशन की जानकारीहेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर डिपार्टमेंट के अनुसार, वैक्सीनेशन के लिए ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में वीकली बेसिस पर नियमित टीकाकरण सत्र आयोजित किए जाते हैं. प्रत्येक सत्र से पहले, संबंधित क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर लाभार्थियों को टीकाकरण सत्र के स्थान के बारे में जानकारी देती हैं और बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण के दिन आकर टीका लगवाने के लिए प्रेरित करती हैं. देश में टीकाकरण कवरेज को अधिकतम करने के लिए, देश भर में सूचना शिक्षा और संवाद (IEC) संबंधी क्रियाकलाप आयोजित किए जाते हैं. IEC का प्रसार दूरदर्शन जैसे सेवा प्रसारकों के माध्यम से मीडिया क्षेत्र की हस्तियों, रेडियो जिंगल और यूट्यूब पॉडकास्ट का इस्तेमाल करके किया जाता है. स्थानीय समुदाय-स्तरीय गतिविधियां जैसे माइकिंग, पोस्टर और ग्रुप मीटिंग भी बुलाई जाती है.
बच्चों को समय पर वैक्सीनेशन करवाना है जरूरीबता दें, बच्चों का समय पर वैक्सीन लगवाना बेहद जरूरी है, क्योंकि यह बच्चों की इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं और महामारी को रोकने में मदद करते हैं. वर्किंग पेरेंट्स को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि गलती से भी वैक्सीन छूटे न और अगर गलती से टीका छूट जाए, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें.
वैक्सीनेशन के साइड इफेक्ट्स हालांकि वैक्सीन पूरी तरह से सेफ और असरदार होते हैं. इनके हल्के साइड इफेक्ट्स, जैसे कि इंजेक्शन की जगह पर हल्का दर्द या बुखार, हो सकते हैं जो कुछ दिनों में ठीक हो जाते हैं. बच्चों का समय पर वैक्सीनेशन कराना एक जिम्मेदार माता-पिता होने का सबसे महत्वपूर्ण कर्तव्य है, जो उन्हें एक हेल्दी और सेफ फ्यूचर देता है. वैक्सीनेशन से जुड़े मिथ्स को इग्नोर करना चाहिए और डॉक्टर की सलाह लें. यह आपके बच्चों के हेल्दी फ्यूचर की नींव है.–आईएएनएस
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.