low milk flow during breastfeeding | ब्रेस्टफीडिंग के दौरान लो मिल्क फ्लो से छुटकारा पाने के लिए फॉलो करें ये 5 आसान तरीके

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low milk flow during breastfeeding | ब्रेस्टफीडिंग के दौरान लो मिल्क फ्लो से छुटकारा पाने के लिए फॉलो करें ये 5 आसान तरीके



How to Avoid Low Milk Flow: बच्चे के जन्म के बाद ब्रेस्टफीडिंग में कई नई माताओं को समस्या होती है. इनमें सबसे आम लेकिन गंभीर परेशानी है, कम दूध बनना और लो मिल्क फ्लो. ये नई माताओं में स्ट्रेस, सेल्फ डाउट और फ्रस्टेशन का कारण बन जाता है. वहीं HT को दिए एक इंटरव्यू में पीडियाट्रिशियन डॉ. नीरज अरोड़ा (सीनियर कंसल्टेंट, पीडियाट्रिक्स और नियोनेटोलॉजी, मणिपाल हॉस्पिटल, पटियाला) बताया कि सही तरीके अपनाने से दूध का फ्लो बढ़ाया जा सकता है और ब्रेस्टफीडिंग आसानी से कराई जा सकती है. इस खबर में हम आपको डॉक्टर से बताए वो 5 असरदार उपायों के बारे में बताएंगे. 
 
बार-बार दूख पिलाएंमां का दूध सप्लाई और डिमांड बेसिस पर काम करता है. मतलब आप जितना दूध अपने बच्चे को पिलाएंगी, शरीर उतना ज्याद दूध बनाएगा. इसलिए दिनभर में बच्चे को कम से कम 8 से 12 टाइम दूध पिलाएं. हर 2 घंटे और रात में हर 3 से 4 घंटे पर दूध पिलाएं. दूध पिलाते समय हर बार दोनों स्तनों से पिलाने की कोशिश करें. अगर बच्चा अच्छे से दूध नहीं पी पा रहा है, तो डबल इलेक्ट्रिक ब्रेस्ट पंप का इस्तेमाल करें. ज्यादा दूध के इस्तेमाल से शरीर को ये संकेत मिलता है कि ज्यादा दूध की जरूरत है. 
 
ब्रेस्ट में हल्की मालिक और प्रेशरअच्छे मिल्क फ्लो के लिए ब्रेस्टफीडिंग से पहले और उसके दौरान हल्के हाथों से ब्रेस्ट की मालिश करें और दबाव दें, इससे दूध का फ्लो बेहतर होता है. ब्रेस्टफीडिंग के दौरान अगर बच्चा चूसना बंद कर देता है, तो ब्रेस्ट पर हल्का प्रेशर दें, इससे दूध अच्छे से निकलता है. ऐसा करने से ब्रेस्ट पूरी तरह खाली होते हैं और शरीर ज्यादा दूध बनाने लगता है.
 
कंगारू केयर स्किन-टू-स्किन कॉन्टैक्टब्रेस्टफीडिंग के बाद बच्चे को 20 मिनट के लिए अपनी गोद में रखें, स्किन-टू-स्किन कॉन्टैक्ट से हार्मोनल रिएक्शन होता है, जो शरीर को मिल्क फ्लो के लिए ट्रिगर करता है. ये टेक्निक प्रीमैच्योर के लेकर सभी बच्चों के लिए फायदेमंद है. ऐसा करने से बच्चे के शरीर का टेम्परेचर, ब्रीदिंग और फीडिंग बेहतर होती हैं. 
 
स्ट्रेटेजी से पंप करेंमिल्क फ्लो को बढ़ाने के लिए स्ट्रेटेजी से पंप करें. अगर आपका बच्चा अपने से ब्रेस्टफीड नहीं कर पा रहा है, तो दिन में दूध पिलाने के बाद तुरंत पंपिंग करें. वहीं रात में आराम दें, लेकिन जब भी नींद टूटे और बच्चे दूध न मांगे, तो पंपिंग करें. मिल्क फ्लो को बढ़ाने के लिए कुछ माताएं, पावर पंपिंग टेक्निक का इस्तेमाल करती हैं, इसमें 5 मिनट पंपिंग, 5 मिनट आराम और फिर 10 मिनट पंपिंग की जाती है. इस टेक्निक से मिल्क फ्लो धीरे-धीरे बढ़ने लगती है. 
 
एक्सपर्ट की सलाहअगर दूध बहुत कम आ रहा है और आप अपने बच्चे के वेट ना बढ़ने से परेशान हैं, तो  तुरंत लैक्टेशन कंसल्टेंट या डॉक्टर की सलाह लें. वो पता करते हैं कि परेशानी कहा आ रही है. कई बार डॉक्टर मेथी जैसे घरेलू नुस्खों या दवाईयां लेने की सलाह देते हैं. 
 
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है. 



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