Jasprit Bumrah Workload: भारतीय क्रिकेट में इन दिनों वर्कलोड मैनेजमेंट की चर्चा काफी हो रही है. इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में जसप्रीत बुमराह इस कारण सिर्फ तीन ही टेस्ट मैच खेल पाए थे. बुमराह की इसके बाद काफी आलोचना भी हुई. कुछ लोगों ने कहा कि वह आईपीएल के दौरान पूरी तरह फिट थे, लेकिन टीम इंडिया के लिए खेलते समय वर्कलोड की याद आ गई. अब इसी मामले पर पूर्व ओपनर बल्लेबाज संजय मांजरेकर ने कुछ ऐसा कह दिया है जिससे बवाल मच गया है.
बुमराह पर उठ रहे सवाल
मांजरेकर का कहना है कि बुमराह को भारतीय क्रिकेट के लिए खुद को एडजस्ट करना चाहिए, न कि भारतीय क्रिकेट को उनके लिए. इंग्लैंड सीरीज शुरू होने से पहले ही टीम प्रबंधन ने घोषणा कर दी थी कि 31 वर्षीय यह गेंदबाज सिर्फ तीन मैचों में ही हिस्सा लेगा. चार में से तीन मैच खेलने के बाद कई लोगों को उम्मीद थी कि बुमराह ओवल में निर्णायक मैच का हिस्सा होंगे, लेकिन उन्हें आराम दिया गया और टीम से रिलीज कर दिया गया. हालांकि भारत सीरीज 2-2 से बराबर करने में कामयाब रहा, लेकिन बुमराह के वर्कलोड मैनेजमेंट को लेकर प्रशंसकों और विशेषज्ञों के बीच असहमति बनी रही.
‘खेल हमेशा हमें आईना दिखाता है’
मोहम्मद अजहरुद्दीन जैसे कई लोगों ने इस फैसले की आलोचना की. अब मांजरेकर ने कहा कि चयनकर्ताओं को बड़े नामों के साथ कड़े फैसले लेने होंगे. इस पूर्व क्रिकेटर का कहना है कि कोई भी खिलाड़ी अपरिहार्य नहीं है और स्टार गेंदबाज को संभालने के लिए इसी सिद्धांत का पालन किया जाना चाहिए. उन्होंने हिंदुस्तान टाइम्स के लिए अपने कॉलम में लिखा, ”खेल हमेशा हमें आईना दिखाता है, भले ही हम चीजों पर कितनी भी चमक चढ़ाने की कोशिश करें. यह काव्यात्मक न्याय था कि भारत ने जो दो टेस्ट जीते, वे दोनों बुमराह के बिना खेले गए थे.”
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मांजरेकर ने लिए दिग्गजों के नाम
मांजरेकर ने लिखा, ”इस बात से भारतीय चयनकर्ताओं को बड़े नाम वाले खिलाड़ियों के संबंध में कुछ कड़े फैसले लेने के लिए साहस मिलना चाहिए. यह सीरीज उनके लिए और हमारे लिए भी एक बड़ा सबक रही है. भारत ने जो दो टेस्ट जीत हासिल कीं, उनमें विराट कोहली, चेतेश्वर पुजारा, रोहित शर्मा, मोहम्मद शमी और बुमराह भी नहीं थे. इसने हमें खेल और जीवन की शाश्वत सच्चाई की याद दिलाई, कोई भी, चाहे वह कितना भी महान क्यों न हो, अपरिहार्य नहीं है. भारत को इसी तरह से बुमराह को संभालना चाहिए.”
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मांजरेकर के तीखे सवाल
मांजरेकर ने आगे कहा कि अगर बुमराह लगातार दो टेस्ट से ज्यादा नहीं खेल सकते तो उन्हें भारत का फ्रंटलाइन पिक नहीं होना चाहिए. पूर्व क्रिकेटर ने कहा कि ऐसे परिदृश्य में वह युवा और भूखे खिलाड़ियों को प्राथमिकता देंगे. उन्होंने कहा, “अगर वह लगातार दो से ज्यादा मैच नहीं खेल सकते या कभी-कभी एक से भी ज्यादा नहीं, तो उन्हें आपका फ्रंटलाइन पिक नहीं होना चाहिए. जो खिलाड़ी मैच फिट, उत्सुक और खेलने और प्रदर्शन करने के लिए उत्सुक हैं, उन्हें मेरे लिए किसी भी दिन एक अत्यधिक कुशल खिलाड़ी से ऊपर चुना जाना चाहिए. यह ऐसे उत्साही खिलाड़ियों को और भी अधिक प्रेरित करेगा.”
कौन करेगा एडजस्ट?
पूर्व ओपनर ने कहा, ”भारतीय क्रिकेट को बुमराह के लिए एडजस्ट नहीं करना चाहिए, बुमराह को करना चाहिए. अगर वह चाहते हैं तो कुछ कठिन विकल्प चुनकर या अपनी फिटनेस पर और भी कड़ी मेहनत करके, इस फिटनेस स्तर को किसी भी स्तर तक बढ़ाया जा सकता है. जैसा कि उनसे पहले सभी महान तेज गेंदबाजों ने किया है.” बुमराह ने इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए तीन मैचों में 14 विकेट लिए.
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