मत्स्य पालक पॉली कल्चर विधि से करें मछली पालन, कम लागत में होगा तगड़ा मुनाफा

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Last Updated:August 15, 2025, 23:30 ISTपाली कल्चर विधि एक ऐसी विधि है.जिसमें अनाजों की खेती हो या मछली पालन एक साथ कई प्रजातियों को तैयार किया जा सकता है. परंतु इस विधि से मछली पालन करने पर किसान एक ही तालाब में अलग-अलग आहार वाली मछलियों का पालन कर …और पढ़ेंमछली पालन का काम लोगों का प्रमुख व्यवसाय बनता जा रहा है. पूरे विश्व में भारत मछली पालन के उत्पादन में तीसरे स्थान पर आता है. क्योंकि मछली पालन करके किसान अच्छा मुनाफा कमाते हैं .परंतु मछली पालन करने वाले किसान एक खास तकनीकी यानी कि पॉलीकल्चर विधि से मछली पालन का काम करें . इससे अधिक मुनाफा होगा. इस तकनीकी से एक ही तालाब में एक साथ कई प्रजाति की मछलियों का पालन किया जा सकता है .तो आइए मत्स्य विशेषज्ञ से जानते हैं .मछली पालन की इस खास तकनीकी के बारे में.

दरअसल, रायबरेली के मत्स्य निरीक्षक शशांक नमन (बीएससी एजी इलाहाबाद विश्वविद्यालय) लोकल 18 से बात करते हुए बताते हैं कि मत्स्य पालन किसानों की आय दोगुनी करने का सबसे आसान तरीका है .लेकिन मत्स्य पालक किसान पॉली कल्चर विधि से मछली पालन करके आसानी से अच्छी कमाई कर सकते हैं. यह विधि किसानों के लिए बेहद फायदेमंद है. इस विधि से किसान एक ही तालाब में अलग-अलग प्रजातियों की मछली का पालन एक साथ कर सकते हैं.

क्या है पॉली कल्चर विधि
पाली कल्चर विधि एक ऐसी विधि है.जिसमें अनाजों की खेती हो या मछली पालन एक साथ कई प्रजातियों को तैयार किया जा सकता है. परंतु इस विधि से मछली पालन करने पर किसान एक ही तालाब में अलग-अलग आहार वाली मछलियों का पालन कर सकते हैं. जिससे वह कम खर्चे में अधिक आमदनी कमा सकते हैं. इस खास विधि में प्लैंक्टन फीडर्स, हर्बीवोर्स, बॉटम फीडर्स और पीसीवोरस मछलियां शामिल हैं.

एक साथ इन मछलियों का कर सकते हैं पालन पॉली कल्चर विधि से मछली पालन करने वाले किसान एक ही तालाब में रोहू,कतला, ब्लैक कॉर्प,ग्रास कॉर्प,सिल्वर कॉर्प वाली प्रजातियों को एक साथ पाल सकते हैं. क्योंकि यह ऐसी मछलियां है .जिनकी खाने की आदत अलग-अलग है. इन मछलियों का सबसे उत्तम आहार प्लैंकटन होता है .क्योंकि यह पानी में तेजी से बढ़ता है जो मछलियों का शुद्ध आहार होता है.

ऐसे करें तालाबमत्स्य निरीक्षक शशांक नमन बताते हैं कि पाली कल्चर विधि से मछली पालन करने के लिए मछली पालक किसान सबसे पहले तालाब की सफाई करें. उसके बाद उसमें मौजूद जलीय पौधे व छोटी मछलियों को बाहर कर दें. फिर तालाब को सुखाकर उसकी पूरी सफाई करें. जिससे कि उसमें खरपतवार दोबारा ना उगने पाए . या ज्यादा खरपतवार है. तो 1 एकड़ तालाब में 1000 किलोग्राम महुआ की खली डाल दें .जिससे शिकारी मछलियां खत्म हो जाए. या फिर पानी में प्रति एकड़ 200 किलोग्राम ब्लीचिंग पाउडर का उपयोग करके शिकारी मछलियों को खत्म किया जा सकता है. इसका असर 10 से 15 दिनों तक तालाब में रहेगा. उसके बाद तालाब पूरी तरह से साफ हो जाएगा फिर आप आसानी से इसमें पाली कल्चर विधि से मछलियों का पालन कर सकते हैं .Location :Rae Bareli,Uttar PradeshFirst Published :August 15, 2025, 23:30 ISThomeagricultureमत्स्य पालक इस विधि से करें मछली पालन, कम लागत में होगा तगड़ा मुनाफा

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