Last Updated:August 15, 2025, 21:43 ISTAyodhya News : आयोध्या में ये रामभक्तों का शीर्ष पीठ है. सदियों से इस धरती पर है. त्रेता और द्वापर युग का गवाह रहा है. जरासंध का वध करने के बाद तीर्थों का भ्रमण करते हुए भगवान कृष्ण भी यहां आ चुके हैं.अयोध्या. राम नगरी अयोध्या में कई ऐसे पौराणिक मठ मंदिर आज भी हैं, जो त्रेता और द्वापर युग का गवाही देते हैं. यहां एक ऐसा भी मंदिर है, जिसका कनेक्शन राजा दशरथ की पत्नी केकई और भगवान विष्णु के अवतार भगवान श्री कृष्ण से है. अयोध्या का कनक भवन मंदिर, रामभक्तों का शीर्ष पीठ है. इसके मूल में कनक भवन का सुदीर्घ, शानदार और सतत प्रवाहमान अतीत भी है. पौराणिक मान्यता के अनुसार, जनकपुर के भव्य सभागार में वर माला धारण करने के साथ ही भगवान राम यह सोचने लगे कि अयोध्या में देवी सीता के अनुरूप दिव्य भवन होना चाहिए. भगवान राम की प्रेरणा से केकई ने राजा दशरथ से दिव्य भवन निर्मित कराने का आग्रह किया. दशरथ के कहने पर देवराज इंद्र ने भवन निर्मित करने के लिए विश्वकर्मा को अयोध्या भेजा. शीघ्र ही यह भवन तैयार हो गया.
जरासंध वध के बाद आए कृष्ण
भवन की स्वर्णिम आभा के फलस्वरूप इसे कनक भवन नाम दिया गया. राजा दशरथ ने ये भवन केकई को दिया, जिसे केकई ने सीता के अयोध्या पहुंचने पर उन्हें मुंह दिखाई की रस्म में दे दिया. कनक भवन में भगवान राम मां सीता के साथ निवास करते हैं. समय के साथ कनक भवन की दिव्यता कुछ धूमिल भी पड़ी. कनक भवन में महाराज विक्रमादित्य के जमाने की एक शिला संरक्षित है. उसके अनुसार, जरासंध का वध करने के बाद तीर्थों का भ्रमण करते हुए भगवान कृष्ण अयोध्या भी आए और कनक भवन को देखा, जो टीले की शक्ल में सिमट कर रह गया था.
यहां न जाना अयोध्या आना बेकर
शिला पर लिखे श्लोक के अनुसार, भगवान कृष्ण ने उस टीले पर अत्यंत आनंद का अनुभव किया और कनक भवन का जीर्णोद्धार कराया. जीर्णोद्धार के दौरान प्राचीन मूर्तियों की स्थापना भी कराई. इसी शिलालेख में आगे वर्णन मिलता है कि कृष्ण के युगों बाद गंधर्वसेन के पुत्र नृपतिलक विक्रमादित्य ने कनक भवन की टूट-फूट सही कराई. राम कचहरी चारों धाम मंदिर के महंत शशिकांत दास बताते हैं कि अयोध्या में कनक भवन की अपनी अलग महिमा है. यहां आने वाले श्रद्धालु कनक भवन में दर्शन करने जरूर जाते हैं. तभी कहा जाता है कि अयोध्या आने का संपूर्ण पुण्य यहीं आकर प्राप्त होता है.न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।Location :Ayodhya,Faizabad,Uttar PradeshFirst Published :August 15, 2025, 21:43 ISThomedharmसीता को मुंह दिखाई में मिली ये कोठी, यहां आए बिना राम मंदिर का दर्शन भी निष्फल