पूर्व भारतीय क्रिकेटर एस श्रीसंत ने विराट कोहली को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. एस श्रीसंत ने क्रिकेट के मैदान पर विराट कोहली के आक्रामक रवैये के बारे में बातचीत की है. एस श्रीसंत और विराट कोहली दोनों ही 2011 वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम इंडिया के क्रिकेटर रह चुके हैं. एस श्रीसंत ने इस बात पर जोर दिया कि एक खिलाड़ी के रूप में विराट कोहली का आक्रामक व्यवहार उनकी सफलता के लिए जरूरी है. एस श्रीसंत ने विराट कोहली के मैदानी व्यवहार पर अपना नजरिया व्यक्त किया और आक्रामकता व जुनून के बीच अंतर बताया है.
पूर्व क्रिकेटर ने विराट पर किया बड़ा खुलासा
एस श्रीसंत ने कहा, ‘जिसे दूसरे आक्रामकता कहते हैं, मैं उसे जुनून कहता हूं. क्या विराट कोहली आक्रामक हैं? नहीं. मुझे लगता है कि वह जुनूनी हैं. लोग कहते हैं कि विराट की आक्रामकता बहुत ज्यादा है. मैं कहूंगा कि अगर वह उस आक्रामकता को कम कर दें, तो वह पहले जैसे खिलाड़ी नहीं रह जाएंगे.’ 2011 वर्ल्ड कप जीत के बाद एस श्रीसंत और विराट कोहली ने अलग-अलग राह पकड़ ली. विराट कोहली ने वेस्टइंडीज सीरीज में अपना टेस्ट डेब्यू किया, जबकि एस श्रीसंत उस दौरे पर नहीं गए. एस श्रीसंत ने भारत के लिए आखिरी टेस्ट मैच 2011 में इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट के दौरान खेला था, जबकि विराट कोहली का करियर फल-फूल रहा था.
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हरभजन सिंह ने थप्पड़ मार दिया था
एस श्रीसंत ने खेल कमेंटेटर पदमजीत सेहरावत के साथ उनके यूट्यूब चैनल पर बातचीत के दौरान हरभजन सिंह से जुड़ी घटना का भी जिक्र किया था. IPL 2008 में मोहाली में एक मैच के बाद हरभजन सिंह ने एस श्रीसंत को थप्पड़ मार दिया था. एस श्रीसंत ने बताया कि इस घटना ने उनके परिवार, खासकर उनकी बेटी की हरभजन सिंह के बारे में धारणा को प्रभावित किया था. एस श्रीसंत ने कहा, “जब मैंने अपनी बेटी से कहा कि यह भज्जी पा हैं और उन्होंने मेरे साथ खेला है तो उसने तुरंत कहा, ‘नहीं, नहीं, मैं हाय नहीं कहूंगी.’ मुझे समझ नहीं आया कि क्यों. स्कूल में, इस बारे में अजीबोगरीब बातचीत हुई होगी.”
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श्रीसंत की बेटी पर घटना का असर पड़ा
एस श्रीसंत ने कहा, ‘मैंने फिर उसे (बेटी को) समझाने की कोशिश की, लेकिन उसने कहा कि वह अब भी उनसे (हरभजन) बात नहीं करेगी. जब लीजेंड्स टूर्नामेंट चल रहा था, तो मैंने उसे समझाया कि वह (हरभजन) हमारे बड़े भाई जैसा है. मुझे नहीं लगता कि भज्जी पा ने जानबूझकर ऐसा (थप्पड़ मारा) किया. यह पल भर में हुआ. यह हम दोनों के लिए सीखने का एक अनुभव था.’ यह घटना तब से भारतीय क्रिकेट इतिहास में एक महत्वपूर्ण चर्चा का विषय बन गई है. हरभजन सिंह ने ‘कुट्टी स्टोरीज विद ऐश’ के एक एपिसोड में उस पल को अपने जीवन से मिटा देने की इच्छा व्यक्त की थी.