Uttar Pradesh

वृंदावन जा रहे हैं? बाँकेबिहारी मंदिर के दर्शन से पहले जानें ये जरूरी बातें और जारी गाइडलाइन

Last Updated:August 15, 2025, 06:01 ISTजन्माष्टमी और नन्दोत्सव के अवसर पर श्री बाँकेबिहारी जी मंदिर में भारी भीड़ की संभावना रहती है. इस कारण मंदिर प्रबंधन ने सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध किया है कि वे दर्शन के दौरान सुरक्षा, अनुशासन और सुव्यवस्थित आवागमन का विशेष ध्यान रखें. साथ ही, भीड़भाड़ वाले समय में विशेष सावधानियां बरतें ताकि सभी श्रद्धालुओं को आरामदायक और सुरक्षित दर्शन का अनुभव मिल सके. ठा० श्री बाँकेबिहारी जी मंदिर में जन्माष्टमी मेला 16.08.2025 और नन्दोत्सव 17.08.2025 को मनाया जाएगा. इस अवसर पर मंदिर परिसर और वृन्दावन की गलियों में भारी भीड़ होने की संभावना है. अतः सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध है कि श्री बाँकेबिहारी जी महाराज के दर्शन के लिए आने पर निम्न बातों का विशेष ध्यान रखें. मंदिर प्रबंधन सभी भक्तों का हार्दिक अभिनन्दन करता है और विशेष अपील करता है कि बाहर से आने वाले दर्शनार्थी वृन्दावन आने से पहले भीड़ का अनुमान लगाकर यात्रा करें. यदि भीड़ अधिक हो, तो भीड़ में शामिल होने से बचें. ध्यान दें कि जन्माष्टमी और नन्दोत्सव जैसे मुख्य त्योहारों पर अत्यधिक भीड़ रहती है. अतः ऐसी स्थिति में प्रोग्राम आगामी दिनांकों में तब आयोजित करें जब भीड़ कम हो. ठाकुर जी महाराज के दर्शनार्थ आने वाले श्रद्धालु प्रमुख त्योहारों, शनिवार, रविवार और राजकीय अवकाश वाले दिनों में भी भीड़ का अनुमान लगाकर वृन्दावन आएं. दर्शनार्थीगण मंदिर प्रबंधन और पुलिस प्रशासन की ओर से बनाये गए एकल मार्गीय रूट चार्ट और नियमों का पालन करें. पब्लिक एड्रेस सिस्टम से लगातार दी जा रही घोषणाओं/सूचनाओं को ध्यानपूर्वक सुनें और उनका पालन करें.  भीड़ के समय वृद्धजन, दिव्यांगजन, छोटे बच्चे, वीपी, हृदय एवं शुगर के मरीज, बीमार व्यक्ति और श्वास संबंधी रोगी, मिर्गी या दौरे के रोगी मंदिर में न आएं. खाली पेट दर्शनार्थी न आएं और आवश्यक दवाइयां साथ रखें. मंदिर आते समय श्रद्धालु किसी भी प्रकार का कीमती सामान, आभूषण या अधिक नकदी अपने साथ न लाएं.  सभी श्रद्धालु कृपया मंदिर में प्रवेश और निकास के लिए निर्धारित मार्ग का ही प्रयोग करें. एकल मार्गीय व्यवस्था के अनुसार दर्शन करें और शीघ्र अपने गतव्य को प्रस्थान करें, ताकि पीछे से आने वाले अन्य दर्शनार्थियों को भी दर्शन का पर्याप्त लाभ मिल सके. मंदिर में अनावश्यक रूप से खड़े न रहें. मंदिर परिसर में जूता-चप्पल रखने की कोई व्यवस्था नहीं है. कृपया मंदिर में जूता-चप्पल पहनकर न आएं. जूता-चप्पल रखने की सुविधा विद्यापीठ चौराहा, गौतम पाड़ा, जुगलघाट, जादौन कार पार्किंग और हरिनिकुंज चौराहा पर बने जूता घरों में उपलब्ध है. अतः जूता-चप्पल निर्धारित जूता घर में उतारें या होटल/गाड़ी में उतारकर आएं, अथवा नंगे पैर प्रवेश करें, ताकि असुविधा से बचा जा सके.  जेबकतरों, चैनकतरों और मोबाइल चोरों से सतर्क रहें. वृद्ध और बच्चों की जेब में नाम, पता और फोन नंबर की पर्ची अवश्य रखें, ताकि किसी परिजन के बिछड़ने पर सूचना मिल सके. किसी भी संदिग्ध गतिविधि या वस्तु की जानकारी तुरंत पास खड़े सुरक्षा या पुलिस कर्मियों को दें. दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए खोया-पाया केंद्र मंदिर कार्यालय और बिहारी जी पुलिस चौकी में बनाया गया है. समुचित आवागमन के लिए रास्ते में खड़े होकर सैल्फी न लें और मार्ग अवरूद्ध न करें. व्यवस्था बनाए रखने में सभी दर्शनार्थियों का सहयोग आवश्यक है. कृपया दर्शन के बाद मंदिर परिसर में अनावश्यक रूप से खड़े न रहें और शीघ्र अपने गंतव्य को प्रस्थान करें, ताकि अन्य दर्शनार्थियों को भी दर्शन का पर्याप्त लाभ मिल सके. समुचित और सुव्यवस्थित दर्शन व्यवस्था बनाए रखने में आप सभी का सहयोग सादर अपेक्षित है.First Published :August 15, 2025, 06:01 ISThomeuttar-pradeshजन्माष्टमी से पहले बाँकेबिहारी मंदिर ने जारी की गाइडलाइन, भक्तों से विशेष अपील

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