Diabetes Problem: डायबिटीज सबसे तेजी से फैलने वाली बीमारी में से एक है. आज के समय में हर उम्र के लोग इसके शिकार हो रहे हैं. लेकिन इस गंभीर बीमारी के बारे में अभी लोगों को कम जानकारी है. हाल ही में आए एक रिपोर्ट ने सबको चौंका दिया है. लैंसेट ग्लोबल हेल्थ में प्रकाशित एक नए रिसर्च में खुलासा हुआ है कि भारत में 10 में से 4 लोग अपनी ही डायबिटीज बीमारी के बारे में नहीं जानते हैं. ऐसे लोग समय पर इलाज और सावधानी न लेने की वजह से गंभीर बीमारी के खतरे में पड़ सकते हैं. आइए आज के इस आर्टिकल में जानते हैं डायबिटीज के पीछे का कारण औऱ समय रहते इस बीमारी को पहचानने के तरीके.
लैंसेट ग्लोबल हेल्थ में प्रकाशित हुए एक रिसर्च के अनुसार भारत में हर 10 में से करीब 4 डायबिटीज पेशेंट इस बात से अनजान हैं कि उन्हें यह बीमारी है. यह रिसर्च 2017 से 2019 तक 45 वर्ष और उससे ज्यादा आयु के 57,810 लोगों के बीच किए गए एक सर्वे पर आधारित है.
रिसर्च में यह भी पाया गया कि भारत में 45 साल और उससे ज्यादा उम्र के 20% लोग डायबिटीज से प्रभावित हैं. पुरुष और महिला दोनों में यह दर करीब-करीब बराबर है. रिसर्च से यह भी पता चला है कि भारत के शहरी इलाकों में डायबिटीज के मामले गांवों में रहने वालों की तुलना में लगभग दोगुने हैं. जो वहां की जीवनशैली और खाने-पीने की आदतों के अंतर को दिखाता है.
मुंबई स्थित इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पॉपुलेशन साइंसेस, मिशिगन यूनिवर्सिटी और हार्वर्ड टी.एच. चान स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ समेत दूसरे संस्थानों के रिसर्चर्स के मुताबिक युवा अवस्था और बुजुर्गों में डायबिटीज को रोकने, समय पर पता लगाने और सही तरीके से कंट्रोल करने के लिए जागरुक करने की जरूरत है. भारत में 20-79 साल के लोगों डायबिटीज की संख्या दुनिया में दूसरी सबसे ज्यादा है. साल 2019 में भारत में कुल मौतों में करीब 3% मौतें डायबिटीज के कारण हुई थीं. हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार हाई ब्लड प्रेशर से प्रभावित लोगों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है.
शुरुआती चरण में डायबिटीज और हाई बीपी जैसी बीमारियों में दवा से कंट्रोल किया जा सकता है. लेकिन रिसर्च में पता चला है कि ग्रामीण इलाकों में हेल्थ सुविधाओं को लेकर पूरी तरह से विकसित नहीं है. हाल ही में आईसीएमआर और डब्ल्यूएचओ के रिसर्चर्स की एक टीम ने देश के 7 राज्यों के 19 जिलों में सर्वे किया और यह पाया कि सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र इन बीमारियों का इलाज करने में कितना असरदार है.
रिसर्चर्स ने पाया कि 10 स्वास्थ्य उप-केंद्रों यानी एससी में से केवल 4 ही हाई बीपी और डायबिटीज के इलाज के लिए पूरी तरह तैयार थे. बाकी केंद्रों में कई जगहों पर इन बीमारियों का इलाज करने के लिए जरूरी दवाइयां भी नहीं थीं. सर्वे में यह भी सामने आया कि जिन 105 सेंटरों को चेक किया गया, उनमें से लगभग एक-तिहाई में मेटफॉर्मिन यानी डायबिटीज की दवा खत्म थी, और लगभग आधे (45%) केंद्रों में एम्लोडिपीन जो हाई बीपी की दवा है उसकी कमी थी.
जानें डायबिटीज के लक्षण
बिना ज्यादा काम किए भी थकान लगना.बार-बार पेशाब आना.जल्दी जल्दी प्यास लगना.बार-बार भूख लगना.तेजी से वजन कम होना.ठीक से दिखाई न देना.हाथों या पैरों में झुनझुनी. .चिड़चिड़ापन.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.
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