youth day special stress skin hormones dr batra tells natural solutions gen z health problems | Youth Day Special: स्ट्रेस से स्किन और हार्मोन तक, डॉक्टर बत्रा ने बताया Gen Z की हेल्थ प्रॉब्लम्स का नेचुरल सॉल्यूशन

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youth day special stress skin hormones dr batra tells natural solutions gen z health problems | Youth Day Special: स्ट्रेस से स्किन और हार्मोन तक, डॉक्टर बत्रा ने बताया Gen Z की हेल्थ प्रॉब्लम्स का नेचुरल सॉल्यूशन



International Youth Day 2025: आज के युवाओं खासकर Gen Z की जिंदगी काफी बिजी और तेज रफ्तार वाली है. लेकिन इन सब के साथ ही इनके जीवन में स्ट्रेस, स्किन प्रॉब्लम और हार्मोनल बदलाव जैसी समस्याएं भी बढ़ रही हैं. पढ़ाई का दबाव, दोस्तों का असर और मूड स्विंग्स अक्सर उनकी सेहत और कॉन्फिडेंस पर असर डालते हैं. ऐसे में इन चुनौतियों से निपटने के लिए नेचुरल और  सुरक्षित तरीकों का महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है. इसी बात को आगे बढ़ाने के लिए हर साल इंटरनेशनल यूथ डे मनाया जाता है, जिससे युवाओं के शारीरिक, मानसिक स्वास्थ्य पर फोकस किया जा सके.
हर साल इंटरनेशनल यूथ डे के मौके पर युवाओं पर फिजिकल इमोशनल और मेंटल वेलबीइंग की बात की जाती है. किशोर और यंग अडल्ट इस दौरान लाइफ के एक स्टेज से दूसरे स्टेज में जाते हैं, जहां उनको कई चैलेंजेज का सामना करना पड़ता है जैसे-पढ़ाई का स्ट्रेस, रिश्तेदारों का दबाव, मूड स्वीइंग, ऐकने और हार्मोनल चेंज का उथल पुथल. इन सब की वजह से उनकी जिंदगी मुश्किल हो जाती है और ग्रोथ पर असर पड़ता है. 
इन परेशानियों को दूर करने के लिए अब बहुत से युवा नेचुरल हेल्थ सॉल्यूशन अपनाने लगे हैं. इसमें होम्योपैथी एक भरोसेमंद तरीका बनकर सामने आई है. यह इलाज व्यक्ति के लक्षण और जरूरत के हिसाब से दवा देता है, जिससे मन और शरीर के बीच संतुलन बना रहता है.
सर्टिफाइड होम्योपैथिक एक्सपर्ट्स Gen Z की अलग-अलग हेल्थ प्रॉब्लम के लिए खास इलाज बताते हैं, जिससे वे संतुलित और सेहतमंद जिंदगी जी सकें. मशहूर होम्योपैथिक फिजीशियन डॉ. मुकेश बत्रा (Dr. Mukesh Batra) ने कहा, मेंटल हेल्थ खासतौर से युवाओ में ओवरऑल वेलबीइंग की नींव में से एक है. हाल ही में हुए में एक स्टडी में पता चला है कि अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (ADHD) जैसी विहेबियर से जुड़े कन्डीशन के लक्षणों में कमी आई है. होम्योपैथी भारत में आयुष-आधारित स्वास्थ्य पहलों का एक जाना-माना कम्पोनेंट रही है, जिसका इस्तेमाल शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं को भी किया जाता है, जिससे युवा कल्याण के लिए राष्ट्रीय रणनीति में इसकी स्थिति मजबूत हुई है.
टीन एज की समस्याओं में पढ़ाई का दबाव एक और अहम वजह है. परीक्षा से पहले घबराहट, डर और अच्छा प्रदर्शन करने का प्रेशर आम समस्या बन गई है. ऐसी स्थितियों में घबराहट को कम करने के लिए अर्जेन्टम नाइट्रिकम को नियमित रूप से दिया जा सकता है. वहीं अगर किसी के मन में लंबे समय से परेशानी या स्ट्रेस दबकर रह गई हों, तो उनसे बाहर निकलने और मेंटल हेल्थ को सही रने के लिए नैट्रम म्यूरिएटिकम मददगार हो सकती है.
स्ट्रेड, दिल टूटना और अचानक मूड बदलना युवाओं के लिए आम बात है. ऐसे में इग्नाटिया अमारा (Ignatia Amara) मूड स्विंग्स को संभालने में मदद कर सकती है. वहीं, अगर कोई कॉन्फिडेंस की कमी से जूझ रहा है और स्ट्रेस को छुपा लेता है तो लाइकोपोडियम कॉन्फिडेंस को बढ़ाने में सहायक हो सकती है. लेकिन इस का ध्यान रखें कि किसी भी गंभीर मेंटल कन्डीशन का तुरंत इलाज नहीं है.
इलाज हमेशा किसी ट्रेंड डॉक्टर से पूरी तरह जांच के बाद ही लेना चाहिए. होम्योपैथी इलाज और भावनात्मक सपोर्ट के साथ मिलकर सबसे अच्छा असर करती है. अगर इसे अच्छी लाइफस्टाइल आदतों जैसे सही खानपान, डेली एक्सरसाइज, मेडिटेशन और अच्छे दोस्तों के साथ समय बिताने के साथ अपनाया जाए, तो यह मन को कंट्रोल में रखने और जिंदगी के बदलावों को आसानी से अपनाने में मदद करती है.
इंटरनेशनल यूथ डे का मकसद ऐसे मजबूत और स्वस्थ युवाओं को तैयार करना है, जो जिंदगी की परेशानियों का आत्मविश्वास से सामना कर सकें. अगर युवा किसी अच्छे होम्योपैथ की देखरेख में होम्योपैथी जैसे सुरक्षित और बिना साइड इफेक्ट वाले इलाज अपनाएं, तो वे पढ़ाई और फीलिंग्स से जुड़े स्ट्रेस, स्किन की दिक्कतें और हार्मोनल बदलाव आसानी से संभाल सकते हैं. इससे आने वाली पीढ़ी और भी मजबूत, ऊर्जावान और आत्मविश्वासी बन सकती है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी इसे अपनाने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.



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