Nurse Breast Surgery in Turkey For Lower Cost Nearly Turns Deadly A Cautionary Tale For Every Women | तुर्की में ब्रेस्ट सर्जरी और मौत के करीब पहुंच गई नर्स, जानिए सस्ते इलाज के चक्कर में कहां हुई कमी

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Nurse Breast Surgery in Turkey For Lower Cost Nearly Turns Deadly A Cautionary Tale For Every Women | तुर्की में ब्रेस्ट सर्जरी और मौत के करीब पहुंच गई नर्स, जानिए सस्ते इलाज के चक्कर में कहां हुई कमी



Breast Surgery Went Wrong: इंग्लैंड की रहने वाली 31 साल की नर्स क्लोई रोइसर (Chloe Roiser) अप्रैल 2025 में ब्रेस्ट लिफ्ट और इम्प्लांट के लिए तुर्की के अंताल्या शहर गईं. वो 4 बच्चों को ब्रेस्टफीड कराने के बाद अपने “ढीले” सीने को लेकर इनसिक्योर महसूस कर रही थीं. वो 3,500 पाउंड की कम कीमत (यूके में कीमत का तकरीबन आधा) सुनकर अट्रैक्ट हुईं. उन्होंने दोस्तों और परिवार की चेतावनियों के बावजूद वो विदेश गईं, ये सोचकर कि वो खुद मेडिकल फील्ड से हैं, और वो जानती हैं कि उन्हें कुछ नहीं होगा.
जब सामने आई ब्रेस्ट सर्जरी की हकीकत’डेली मेल’ की रिपोर्ट के मुताबिक शुरुआत में उनकी ब्रेस्ट सर्जरी कामयाब लग रही है, लेकिन कुछ ही हफ्तों में क्लोई को तेज बुखार, दर्द, सूजन, काला पड़ती स्किन और बाईं छाती से बदबूदार फ्लूइड का रिसाव होने लगा. ये इंफेक्शन और नेक्रोसिस (डेड टिशू) के इशारे थे. एनएचएस पर विदेश में हुई कॉस्मेटिक सर्जरी के कॉम्पलिकेशन का बोझ न डालने और इम्प्लांट बचाने की उम्मीद में, वो  जून की शुरुआत में अपने पार्टनर और 13 साल ऑटिस्टिक बेटी मैसी के साथ तुर्की लौटीं, क्योंकि वो अकेले ट्रैवल करने के लिए बहुत कमजोर थीं.
मौत के करीब पहुंची नर्सअंताल्या में, उसी सर्जन ने बिना बेहोशी (सिर्फ लोकल एनेस्थीसिया) के इंफेक्टेड टिशू और उनके बाएं निप्पल का आधा हिस्सा हटा दिया. अस्पताल में मॉनिटरिंग में रखने के बजाय, उन्हें एक खराब हालत वाले होम स्टे में भेज दिया गया. उनका इंफेक्शन बना रहा, जिससे 8 जून और 30 जून को दो और ऑपरेशन करने पड़े. हर बार उन्हें अस्पताल में भर्ती करने के बजाय होम स्टे भेज दिया गया, जहां वो तेज बुखार, दर्द और खून से भीगे बैंडेज के साथ तड़पती रहीं. एक बार तो वो फर्श पर गिर पड़ीं और उनकी डरी हुई बेटी ने कहा, “मां, प्लीज़ मत जान गंवाओ.”
ब्रेस्ट खोने का डरडॉक्टर्स ने चेतावनी दी कि वो पूरा ब्रेस्ट खो सकती है. उनकी कंडीशन में हॉस्पिटल लेवल की केयर, लगातार IV एंटीबायोटिक्स, फ्लूइ़ड और मॉनिटरिंग की ज़रूरत थी, लेकिन उन्हें आउट पेशेंट की तरह ट्रीट किया गया. 6 हफ्तों में क्लोई ने 5 बार घर लौटने की फ्लाइट बुक और कैंसिल की, क्योंकि क्लिनिक उन्हें उड़ान के लिए अनफिट बताता रहा. उन्होंने कुल तकरीबन 12,500 पाउंड खर्च किए, जबकि दोस्तों और परिवार ने भी सेविंग्स से मदद की.
परिवार पर असरउनकी गैर-मौजूदगी में, मैसी ने 6 हफ्ते स्कूल मिस किए और मां की देखभाल की, क्योंकि क्लोई का पार्टनर काम के लिए यूके लौट गया था. उनके 3 बेटे (उम्र 7–10) रिश्तेदारों के पास रहे. क्लोई मानती हैं कि इस एक्सपीरिंएंस का फिजिकल और मेंटल इफेक्ट बहुत ज्यादा था, जिससे वो लगातार स्ट्रेस और पैनिक अटैक के कंडीशन में रहीं.
जब मिली थोड़ी राहत18 जुलाई को “फिट टू फ्लाई” नोट मिलने के बाद वो यूके लौटीं. ए एंड ई में उन्हें ब्रेस्ट सर्जन के पास भेजा गया, जिसने अल्ट्रासाउंड में पाया कि ब्रेस्ट टिश्यू सेफ हैं, लेकिन निप्पल और त्वचा का नुकसान कितना हुआ है, ये घाव भरने के बाद ही पता चलेगा. 6 महीने बाद फॉलो-अप तय हुआ है.

अब हो रहा पछतावाअब उन्हें सेहह से ऊपर अपीयरेंस को तरजीह देने का पछतावा है, उन्होंने अपने बाएं निप्पल का आधा हिस्सा खो दिया और परमानेंट निशानों का सामना करना पड़ेगा. अब वो कॉस्मेटिक नतीजों की परवाह नहीं करतीं, उनकी प्रायोरिटी बच्चों के लिए जिंदा रहना है. उनका मैसेज क्लियर है: “ऐसा मत करो!”
कहां रह गई थी कमी?क्लोई बताती हैं कि यूके के मरीजों को अहम पोस्ट-ऑपरेटिव केयर मिलती है, जो उन्हें तुर्की में नहीं मिली. उनकी ऑरिजन आफ्टरकेयर मिनिमल थी, जिसमें कुछ दिन की एंटीबायोटिक कोर्स और कोई फॉलो-अप चेक नहीं था. माइक्रोपोर टेप से चीरे ढके थे, जिससे वो शुरुआती नेक्रोसिस के इशारे नहीं देख सकीं. उन्होंने दर्द की गंभीरता को भी कम समझा, इसे नॉर्मल पोस्ट-सर्जरी मान लिया था.
तुर्की में इलाज की हकीकत!उनकी ब्यूटीशियन आंटी ने नेक्रोसिस पहचान ली, लेकिन क्लोई ने एनएचएस से बचने की कोशिश की, क्योंकि उन्हें डर था कि डॉक्टर इम्प्लांट निकाल देंगे. वो एक रिपोर्ट का हवाला देती हैं जिसके मुताबिकविदेश में हुई कॉस्मेटिक सर्जरी की कॉम्पलिकेशंस का इलाज करने में यूके को हर साल तकरीबन 110 मिलियन पाउंड खर्च करने पड़ते हैं, जिनमें ज्यादातर तुर्की से जुड़े हैं.
क्लोई अब क्लिनिक की ऑनलाइन इमेज की आलोचना करती हैं. पॉजिटिव रिव्यू ने उनके फैसले को अफेक्च किया, लेकिन अब उन्हें शक है कि वे बनावटी थे. सर्जरी के सिर्फ 4 दिन बाद उनसे वीडियो टेस्टिमोनियल रिकॉर्ड कराया गया. उनका मानना है कि फीडबैक महीनों बाद लिया जाना चाहिए, जब असल नतीजे सामने आते हैं.

क्या कहता है उनका तजुर्बा
उनका एक्सपीरिएंस गहरे मुद्दों की तरफ इशारा करते हैं, जैसे:-
1. सोशल मीडिया इंफ्लूएंस: लो कॉन्फिडेंस से जूझते लोग कॉस्मेटिक उपायों, जैसे ब्रेस्ट सर्जरी, बोटॉक्स, या बट लिफ्ट की तरफ भागते हैं, जब्कि उन्हें मेंटल हेल्थ पर काम करना चाहिए.
2. कम कीमतों का लालच: विदेश में कम कीमतें कॉम्पलिकेशंस के असली फाइनेंशियल और फिजिकल एक्सपेंसेज को छिपा देती हैं.
3. रेगुल्शन की कमी: कुछ विदेशी क्लिनिकों की आफ्टरकेयर यूके मानकों से बहुत कम है.
 
महिला का फाइनल मैसेज
अब क्लोई अपना ध्यान रिकवरी और कर्ज चुकाने पर लगा रही हैं. घर और जिंदा लौटने से वो राहत महसूस करती हैं, लेकिन मौत के करीब के तजुर्बे से आई फिक्र से अब भी जूझ रही हैं. वो खुद को खुशकिस्मत मानती हैं कि उन्होंने पूरा ब्रेस्ट नहीं खोया और सेप्सिस से नहीं मरीं, जिससे उनके बच्चे मां के बिना रह जाते. उनका फाइनल मैसेज क्लि.र है: “कॉस्मेटिक सर्जरी के लिए तुर्की जाना एक ऐसा बुरा ख्वाब रहा, जिससे मैं शायद कभी भूल नहीं पाऊंगी. कम से कम अगर आप इसे यहां (इंग्लैंड में) करवाते हैं, तो आपको जरूरी फॉलो-अप केयर मिल सकती है.”
(Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मक़सद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.)



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