इंटरनेशनल क्रिकेट में सिर्फ दो ही महान गेंदबाज 1000 विकेट लेने का प्रचंड रिकॉर्ड बना पाए हैं. श्रीलंका के दिग्गज ऑफ स्पिनर मुथैया मुरलीधरन (Muttiah Muralitharan) ने इंटरनेशनल क्रिकेट में कुल 1347 विकेट झटके हैं. इस वर्ल्ड रिकॉर्ड को तोड़ पाना किसी भी गेंदबाज के लिए नामुमकिन जैसा ही है. मुथैया मुरलीधरन ने अपने करियर में 133 टेस्ट, 350 वनडे और 12 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले हैं और इन सभी में उन्होंने कुल मिलाकर 1347 विकेट हासिल किए हैं. वह क्रिकेट के इतिहास में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं.
1000 विकेट लेने वाले खूंखार गेंदबाज
मुथैया मुरलीधरन (Muttiah Muralitharan) इंटरनेशनल क्रिकेट में 1347 विकेट के महारिकॉर्ड तक पहुंचने वाले दुनिया के पहले और इकलौते गेंदबाज हैं. मुथैया मुरलीधरन के इस वर्ल्ड रिकॉर्ड के पास भी पहुंचना किसी भी गेंदबाज के बस की बात नहीं है. मुथैया मुरलीधरन टेस्ट क्रिकेट और वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं. इस धुरंधर ने टेस्ट क्रिकेट में 800 विकेट और वनडे क्रिकेट में 534 विकेट लेने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया हुआ है. टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट में मुथैया मुरलीधरन ने 13 विकेट हासिल किए थे.
इनके सामने रनों की भीख मांगते थे बल्लेबाज
मुथैया मुरलीधरन के बाद इंटरनेशनल क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट ऑस्ट्रेलिया के महान लेग स्पिनर शेन वॉर्न ने झटके थे. शेन वॉर्न ने इंटरनेशनल क्रिकेट में 1001 विकेट हासिल किए थे. दुनिया के महान स्पिनर रहे ऑस्ट्रेलिया के शेन वॉर्न की गेंदबाजी के सभी दीवाने थे. शेन वॉर्न की गेंदों को खेलना किसी के लिए भी आसान नहीं था. शेन वॉर्न की एक गेंद को बॉल ऑफ द सेंचुरी भी कहा जाता है. शेन वॉर्न ने अपने पूरे करियर में कई शानदार गेंदें फेंकी, लेकिन उनकी एक गेंद ऐसी थी, जिसे आज तक और कोई भी दूसरा बॉलर नहीं फेंक सका है.
महान गेंदबाजों की लिस्ट में टॉप पर
शेन वॉर्न ने अपने करियर के दौरान 145 टेस्ट मैचों में 708 विकेट चटकाए थे, जबकि 194 वनडे मैचों में 293 विकेट उनके खाते में दर्ज किए गए थे. कुल मिलाकर शेन वॉर्न ने इंटरनेशनल क्रिकेट में 1001 विकेट चटकाए थे. शेन वॉर्न 1000 इंटरनेशनल विकेट के महारिकॉर्ड तक पहुंचने वाले दुनिया दूसरे गेंदबाज हैं. वॉर्न ने 3 जून, 1993 को अपने पहले एशेज टेस्ट की अपनी पहली ही गेंद पर ओल्ड ट्रैफर्ड स्टेडियम में गैटिंग को लगभग 90 डिग्री टर्न कराते हुए बोल्ड कर दिया था. लेग स्टंप से भी बाहर वाइड में ठप्पा खाने के बाद गैटिंग को हैरान करती हुई ये गेंद टर्न लेकर उनका ऑफ स्टंप उड़ा ले गई थी. इस गेंद ने दुनिया में तहलका मचा दिया था. वॉर्न के करियर की इस पहली एशेज बॉल को आज भी बॉल ऑफ द सेंचुरी यानी “सदी की गेंद” कहा जाता है. इसी सीरीज में वॉर्न ने टेस्ट क्रिकेट में हैट्रिक बनाने का कारनामा भी किया था.