Natural Treatment: क्या आप भी बालों के झड़ने, रूखापन, मुंहासे या फिर स्किन से जुड़ी समस्याओं से परेशान हैं? मार्केट में मिलने वाले केमिकल युक्त प्रोडक्ट्स से अब तक कोई खास फायदा नहीं हुआ? तो परेशान होने की कोई बात नहीं है. भारत के गर्मी वाले क्षेत्रों में पाई जाने वाली एक मामूली दिखने वाली घास छोटी दूधी बालों से लेकर स्किन तक की सारी परेशानी दूर कर सकती है.
भारत के गर्म इलाकों में अक्सर खाली पड़ी जमीन पर एक छोटा सा पौधा अपने औषधीय गुणों को समेटे हुए पाया जाता है, जिसे छोटी दूधी कहते हैं. इसके तने और पत्तियों से निकलने वाले दूधिया रस की वजह से इस पौधे की पहचान बहुत ही आसानी से हो जाती है. लेकिन इसे अक्सर एक खरपतवार मानकर नजरअंदाज कर दिया जाता है, लेकिन आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल सदियों से कई बीमारियों को दूर करने के लिए किया जा रहा है.
छोटी दूधी का वैज्ञानिक नाम यूफॉर्बिया थाइमीफोलिया है. इसे अंग्रेजी में थाईम लीव्ड स्पर्ज कहते हैं. यह युफोरबिएसी परिवार से संबंधित है, जो जमीन पर फैला हुआ होता है. इसकी टहनियां पतली और लाल रंग की होती हैं. वहीं इसके फूल बहुत छोटे और हरे-लाल रंग के होते हैं, जो पत्तियों के बगल में गुच्छों में लगे रहते हैं.
अमेरिकी नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार छोटी दूधी पेट से संबंधित समस्याओं जैसे दस्त, कब्ज और अपच जैसी समस्याओं से राहत दिलाने में कारगर है, साथ ही यह शरीर की ऊर्जा बढ़ाती है और कमजोरी को भी दूर करने में सहायक है.
इसके पौधे के रस या पत्तों का काढ़ा पेट के कीड़ों को खत्म करने में मदद करता है. इसमें मौजूद कसैले गुण चोट लगने वाल निकलने वाले खून और घावों को ठीक करने के साथ ही दस्त या पसीने को भी कंट्रोल करने में उपयोगी है.
इस तरह करें इस्तेमाल
दूधिया रस का उपयोग दाद, खुजली, कील-मुंहासे और दूसरे स्किन बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता है. काले और घने बालों के शौकीन भी इसका लाभ उठा सकते हैं. इसके इस्तेमाल से बाल लंबे, घने, और काले होने के साथ ही शाइनी भी बनते हैं. बाल झड़ने की समस्या को भी यह दूर करने में सहायक है. छोटी दूधी से बना हेयर मास्क बालों को चमकदार बनाता है. इस लगाने के लिए आपको मास्क बनाना होगा. मास्क बनाने के लिए घास का दूध निकाल लें या इस घास को पीस कर पेस्ट बना लें. अब इसे बालों में लगाएं फिर 15-20 मिनट के लिए छोड़ दें.
छोटी दूधी के कई औषधीय गुण हैं, लेकिन इसका इस्तेमाल किसी भी बीमारी के इलाज के लिए करने से पहले हमेशा किसी चिकित्सक या आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से सलाह लेना जरूरी है. कुछ स्थितियों में इसका गलत या अधिक मात्रा में सेवन हानिकारक भी हो सकता है, खासकर दिल के मरीजों को ऐहतियात बरतनी चाहिए.
(आईएएनएस)
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी इसे अपनाने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.