Last Updated:August 08, 2025, 12:43 ISTBarabanki News: तिलवारी गांव के लोग लकड़ी की नावें तैयार कर रहे है, जो बाढ़ के दौरान जीवन रेखा साबित होगी. इन नावों का इस्तेमाल एक गांव से दूसरे गांव आने-जाने के साथ-साथ जरूरी सामान लाने-ले जाने के लिए किया जाए…और पढ़ेंबाराबंकी जिले में सरयू नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. हालात को देखते हुए सिरौलीगौसपुर के तिलवारी गांव के लोग बाढ़ से बचाव की तैयारियों में जुट गए है. प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है, वहीं ग्रामीण भी अपनी सुरक्षा के लिए कदम उठा रहे है.
तिलवारी गांव के लोग लकड़ी की नावें तैयार कर रहे है, जो बाढ़ के दौरान जीवन रेखा साबित होगी. इन नावों का इस्तेमाल एक गांव से दूसरे गांव आने-जाने के साथ-साथ जरूरी सामान लाने-ले जाने के लिए किया जाएगा. बाढ़ की स्थिति में जब सड़क मार्ग बंद हो जाते है, तब ये नावें ही परिवहन का मुख्य साधन बन जाती है.
गांव के 57 वर्षीय राम कैलाश ने बताया कि वह हर साल बाढ़ के मौसम से पहले नाव बनाते है. यह परंपरा उनके पिता भी निभाते थे. इस साल बुधवार सुबह से नदी का पानी तेजी से बढ़ रहा है और गुरुवार को भी यही स्थिति बनी हुई है. नाव बनाने से न केवल बाढ़ में मदद मिलती है, बल्कि इससे उनकी आमदनी भी होती है, जिससे घर का खर्च चलता है.
इसी गांव की एक महिला ने बताया कि बाढ़ आने पर ग्रामीण बांधों पर चले जाते है, जहां प्रशासन ने अस्थायी रूप से उनके रहने की व्यवस्था की है. उन्होंने कहा कि हर साल बाढ़ आती है और इस बार भी इसकी पूरी संभावना है. इस समय पानी गांव तक पहुंच गया है और उन्हें अनुमान है कि करीब 10-15 दिन बांधों पर गुजारने पड़ेंगे.
गौरतलब है कि सरयू नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है, जिसके कारण रामनगर और सिरौलीगौसपुर तहसील के कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है. प्रशासन अलर्ट पर है, लेकिन ग्रामीणों की सतर्कता और अपनी तैयारियां इस संकट से निपटने में बड़ी भूमिका निभा रही है.Location :Bara Banki,Uttar PradeshFirst Published :August 08, 2025, 12:43 ISThomeuttar-pradeshबाराबंकी में बाढ़ का खतरा, ग्रामीणों ने खुद जुटाए राहत और बचाव के संसाधन