जन्म के बाद शिशु के लिए न्यूट्रिएंट्स का मुख्य सोर्स मां का दूध ही होता है. कम से कम 6 महीने तक हेल्थ एक्सपर्ट बच्चे को स्तनपान कराने की सलाह दी जाती है. मां के दूध से शिशु के शरीर में एंटीबायोटिक बनते हैं, जो गर्भ से बाहर आने के बाद बाहरी दुनिया के इंफेक्शन से बचाव और विकास के लिए जरूरी होता है. बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, 2015-2020 के आंकड़ों से पता चलता है कि दुनिया भर में केवल 44% शिशुओं को ही जीवन के पहले छह महीनों तक मां का दूध मिला.
जन्म के बाद बच्चे को मां का दूध ने मिलने के कई कारण हो सकते हैं. लेकिन एक चीज जो तय है, वो है इसके साइड इफेक्ट्स. आमतौर पर देखा जाता है, कि जिन बच्चों को मां का दूध न या कम समय तक मिला हो वो जीवन में बीमारियों से ज्यादा परेशान रहते हैं. ऐस में शिशु का पेट भरने के लिए मां के दूध को ही प्राथमिकता देना जरूरी है. लेकिन कई बार ऐसी कंडीशन होती है, जब स्तनपान के बावजूद बच्चा भूखा रह जाता है, ऐसे में कौन-सा दूध दिया जा सकता है? चलिए एक्सपर्ट से समझने की कोशिश करते हैं.
इसे भी पढ़ें- बच्चे को दूध पिलाने से ब्रेस्ट ढीले होते हैं? गायनेकोलॉजिस्ट ने बताया Breast Sagging का कारण और उपाय
बच्चे के लिए मां का दूध ही बेस्ट
नोएडा स्थित सीएचसी भंगेल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. मीरा पाठक ने बताया कि एक साल से पहले शिशु को किसी भी प्रकार का बाहरी दूध देना सही नहीं होता, चाहे वह गाय का हो या भैंस का. मां के दूध में मौजूद एंटीबॉडी शिशु को इंफेक्शन से बचाती हैं, वहीं गाय और भैंस के दूध में ये सुरक्षा तत्व नहीं होते.
ऊपरी दूध बच्चे को कर सकते हैं बीमार
डॉ. मीरा बताती हैं कि गाय और भैंस के दूध में प्रोटीन और वसा की मात्रा अधिक होती है, जो नवजात के पाचन के लिहाज से भारी है. इससे बच्चों को डायरिया, उल्टी, सांस लेने में परेशानी, खुजली और एलर्जी जैसी समस्याएं हो सकती हैं. भैंस के दूध में कैलोरी अधिक होती है, जिससे बच्चे का वजन असामान्य रूप से तेजी से बढ़ सकता है.वहीं, इन दूधों में विटामिन सी, ई, जिंक, फाइबर और फैटी एसिड जैसे जरूरी पोषक तत्वों की मात्रा भी बहुत कम होती है, जो बच्चे के विकास में बाधा बन सकती है. इसके अलावा शिशु को ट्यूबरकुलोसिस और एनीमिया भी हो सकता है.
जरूरत पड़ने पर चुनें ये दूध
क्या कभी गाय या भैंस का दूध दिया जा सकता है? इसके जवाब में डॉ. मीरा पाठक कहती हैं कि डॉक्टर की सलाह पर बाहरी दूध देने की जरूरत पड़े, तो भैंस की तुलना में गाय का दूध ज्यादा बेहतर है. यह हल्का होता है. लेकिन दूध को अच्छी तरह उबालने और इसमें चीनी मिलाने से बचने जैसी सावधानियां लेनी जरूरी है.
इसे भी पढे़ं- मां के दूध से नहीं भर रहा शिशु का पेट, ऊपर का Doodh देने की बजाय इन 8 फूड्स से बढ़ाएं ब्रेस्ट मिल्क
बच्चे को ऊपरी दूध देने का सही तरीका
डॉक्टर बताती हैं कि गाय के दूध को सीधे रूप में न दें. इसकी कुछ मात्रा दलिया, खिचड़ी, या मैश राइस जैसे आहार में मिलाकर देना फायदेमंद होता है. यह ध्यान रखना जरूरी है कि गाय या भैंस का दूध मां के दूध या फॉर्मूला मिल्क का विकल्प नहीं है.
-एजेंसी-
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.
South Africa pub attack leaves 9 dead, 10 wounded by gunmen
NEWYou can now listen to Fox News articles! Nine people were killed and at least 10 others wounded…

