Public Toilet Using Risk: जब हम घर से बाहर होते हैं और वॉशरूम जाना जरूरी हो, तो पब्लिक टॉयलेट ही इकलौता ऑप्शन होता है. मॉल, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, या दफ्तरों में मौजूद सार्वजनिक शौचालय भले ही फैसिलिटी देते हों, लेकिन अगर इन्हें सावधानी से इस्तेमाल न किया जाए, तो ये कई तरह की इंफेक्शन और बीमारियों का कारण बन सकते हैं.
पब्लिक टॉयलेट से कौन-कौन सी बीमारियों का खतरा?
1. यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शनगंदे टॉयलेट सीट्स पर बैठने से बैक्टीरिया पेशाब की नली में दाखिल हो सकते हैं, जिससे यूटीआई (Urinary Tract Infection) हो सकता है. महिलाओं में इसका खतरा ज्यादा होता है.
2. फंगल इंफेक्शनह्यूमिड और गंदे टॉयलेट्स में फंगल स्पोर्स आसानी से पनपते हैं. ये स्किन पर रैश, खुजली और जलन का कारण बन सकते हैं.
3. गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल इंफेक्शनअगर आपने टॉयलेट यूज करने के बाद हाथ सही से नहीं धोए, तो दस्त, उल्टी या पेट की दूसरी समस्याएं हो सकती हैं.
4. एसटीडी का रिस्क पब्लिक टॉयलेट से सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज़ (STD) होने की संभावना वैसे तो कम होती है, लेकिन अगर खुले घाव या कट पर इंफेक्टेड सरफेस का कॉन्टैक्ट हो जाए तो खतरा हो सकता है.
कैसे रखें खुद को सेफ?
1. टॉयलेट सीट सैनिटाइज करेंटॉयलेट सीट को यूज करने से पहले सैनिटाइजर स्प्रे या वाइप से अच्छे से साफ करें. आजकल बाजार में पोर्टेबल सीट सैनिटाइजर आसानी से मिलते हैं.
2. टिशू या सीट कवर का इस्तेमाल करेंसीट पर डायरेक्ट न बैठें, एक टिशू पेपर या डिस्पोजेबल सीट कवर रखें. इससे डायरेक्ट कॉन्टैक्ट से बचा जा सकता है.
3. फ्लश लीवर या दरवाजे को टिशू से छुएंपब्लिक टॉयलेट की सतहों को हाथ से छूने से बचें, क्योंकि इससे भी इंफेक्शन का खतरा हो सकता है.
4. हाथ धोना न भूलेंटॉयलेट यूज करने के बाद साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकंड तक हाथ धोएं. हाथ साफ न करने से सबसे ज़्यादा इंफेक्शन फैलते हैं.
5. सेनेटाइजर रखेंकई बार साबुन-पानी मौजूद नहीं होता है, तो ऐसे में अल्कोहल बेस्ड हैंड सेनेटाइजर साथ रखें.