malnourished children has antibiotic resistance risk | 5 साल से कम उम्र के गंभीर कुपोषित बच्चों में एंटीबायोटिक रेसिस्टेंट का खतरा ज्यादा

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malnourished children has antibiotic resistance risk | 5 साल से कम उम्र के गंभीर कुपोषित बच्चों में एंटीबायोटिक रेसिस्टेंट का खतरा ज्यादा



Antibiotic Resistance: वर्ल्ड लेवल पर लगभग 4.5 करोड़ बच्चे हैं, जो 5 साल से कम की उम्र के होने के साथ ही गंभीर कुपोषण का शिकार हैं. इन बच्चों में जीवन के लिए खतरनाक इंफेक्शन जैसे टीबी या सेप्सिस होने का खतरा वीक इम्यून सिस्टम की वजह से ज्यादा होता है. इस रिसर्च को इनिओस ऑक्सफोर्ड इंस्टीट्यूट फॉर एंटीमाइक्रोबियल रिसर्च के रिसर्चर्स ने किया है.
 
दक्षिण अफ्रीका के नाइगर में मिले ज्यादा मामलेइस नई रिसर्च में बताया गया है कि एंटी लाइक्रबियल रेसिस्टेंट बैक्टीरिया इन बच्चों के बीच ज्यादा फैल रहा है. दक्षिण अफ्रीका के नाइगर के एक अस्पताल में गंभीर कुपोषण के शिकार बच्चों में ये ज्यादा देखा जा रहा है.
 
नेचर कम्युनिकेशन जर्नल में पब्लिश किया गया रिसर्चनेचर कम्युनिकेशन जर्नल में रिसर्च को पब्लिश्ड किया गया है. इसमें बताया गया है कि 76 फीसदी बच्चों में ये बैक्टीरिया देखा गया है और इनमें इसका एक्सटेंडेड स्पेक्ट्रम बीटा लैक्टामैस जीन देखा गया. ये ज्यादातर एंटीबायोटिक्स को कमजोर कर सकता है. रिसर्च की लेखिका डॉ. क्रिस्टी सैंड्स ने कहा, “ये इस दुनिया के अनसेफ बच्चे हैं और हम इनमें देख रहे हैं कि इस बैक्टीरिया पर जीवन बचाने वाली एंटीबायोटिक का भी असर नहीं हो रहा है.”
 
दुनिया के दूसरे हिस्सों में भी देखा गयाउन्होंने आगे कहा, “हालांकि, हमारा रिसर्च नाइगर के अस्पताल में ही किया गया है, लेकिन ऐसा दुनिया के दूसरे अस्पतालों में भी देखा जा सकता है. दुनियाभर में मैन मेड डिजास्टर जैसे वार और क्लाइमेट चेंज की वजह से कुपोषण और उसके बाद AMR बढ़ता ही जा रहा है.”
 
1,371 बच्चों पर हुई स्टडीएंटीबायोटिक्स लाइफ सेविंग दवाइयां होती हैं, जो AMR पर असर नहीं कर रही हैं. डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स के साथ काम करते हुए रिसर्चर्स ने 5 साल से कम उम्र के 1,371 बच्चों से 3,000 से ज्यादा रेक्टल स्वाब का स्टडी किया था, जिन्हें गंभीर कुपोषण की शिकायत थी. इन्हें ये शिकायत साल 2016 से 2017 के बीच हुई थी.
 
70 फीसदी बच्चों में पाया गया कार्बेपनेम-रेजिस्टेंस बैक्टीरियाइनमें से 70 फीसदी बच्चों में जिनके अंदर कार्बेपनेम-रेजिस्टेंस बैक्टीरिया पाया गया, जो भर्ती करने के समय नहीं था. कार्बेपनेम वो एंटीबायोटिक है, जिसे आखिर में तब दिया जाता है, जब सारी एंटीबायोटिक्स फेल हो जाती हैं. रिसर्च में इस बात पर जोर दिया गया है कि इस समस्या से बचने के लिए इंफेक्शन को रोकने और अस्पतालों के सेफ्टी मेजर्स की जांच करने की जरूरत है ताकि सबसे असुरक्षित बच्चों को बचाया जा सके.–आईएएनएस
 
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी इसे अपनाने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.



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