Health

Breastfeeding Mom Ke Liye Shatavari Ke Fayde Asparagus racemosus Health Advantages | बच्चे और दूध पिलाने वाली मां दोनों के लिए फायदेमंद है ये एक पौधा, जानिए कैसे करें सेवन



Shatavari Ke Fayde: मां का दूध नवजात बच्चे को जन्म के शुरुआती छह महीनों के लिए सभी जरूरी पोषण देता है. ये न्यूट्रीएंट्स से भरपूर होता है और एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये शिशु को कई संक्रमणों के साथ ही कई समस्याओं से बचाने में भी मदद करता है. विश्व स्तनपान सप्ताह (1-7 अगस्त) चल रहा है. ऐसे में कई ऐसी जड़ी-बूटियां हैं, जो न सिर्फ शिशु बल्कि मां के लिए भी फायदेमंद हैं. ऐसी ही एक बूटी का नाम है शतावरी, जो ब्रेस्टफीड कराने वाली माताओं के लिए वरदान है.
ब्रेस्टफीडिंग के फायदेब्रेस्टफीडिंग डिलिवरी के बाद मां की सेहत के लिए भी फायदेमंद हो सकता है, और इससे माताओं में कई हेल्थ प्रॉब्लम्स का रिस्क कम हो सकता है. भारत सरकार का आयुष मंत्रालय ऐसे ही एक औषधीय गुणों से भरपूर पौधे के बारे में जानकारी देता है. मंत्रालय के मुताबिक, ” शतावरी (सतावर) स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए एक असरदार आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है. भारत और पाकिस्तान में जंगली रूप से उगने वाली ये शीतल गुणों वाली जड़ी-बूटी न सिर्फ माताओं की सेहत को बढ़ावा देती है, बल्कि शिशु के लिए भी फायदेमंद है. सतावर की जड़ें रिप्रोडक्टिव हेल्थ, ताकत और ओवरऑल वेलबीइंग को बेहतर बनाने में सहायक हैं.
पूरे साल मिलने वाला पौधा’शतावरी’ एक बहुवर्षीय पौधा है, जिसकी जड़ें औषधीय गुणों से भरपूर होती हैं. ‘शतावरी’ का मतलब है ‘सौ बीमारियों का नाश करने वाली.’ ये जड़ी-बूटी मुख्य रूप से हिमालयी क्षेत्रों, दक्षिण भारत और अन्य उप-उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाई जाती है.
पेट के लिए अच्छाआयुर्वेद के मुताबिक, शतावरी शीतल, पौष्टिक और रसायन (कायाकल्प) गुणों वाली होती है, जो वात और पित्त दोष को संतुलित करती है. ये प्रजनन स्वास्थ्य, हार्मोनल संतुलन और पाचन तंत्र को मजबूत करने में अगम भूमिका निभाती है.
मां के लिए वरदानआयुष मंत्रालय के अनुसार, शतावरी स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए एक वरदान है. ये गैलेक्टागॉग (दूध उत्पादन बढ़ाने वाली) जड़ी-बूटी के रूप में कार्य करती है, जो दूध की मात्रा और गुणवत्ता को बढ़ाती है. ये माताओं में शक्ति, स्फूर्ति और ऊर्जा का संचार करती है, जिससे प्रसवोत्तर थकान और कमजोरी से राहत मिलती है. सतावर श्वेत प्रदर, इरेगुलर पीरियड और पीठ दर्द जैसी समस्याओं को भी खत्म करने में मदद करती है.
मेंटल हेल्थ के लिए अच्छाइसके शीतल गुण तनाव और चिंता को कम करने में मदद करते हैं, जो मां और शिशु दोनों के लिए फायदेमंद है. शिशु को पौष्टिक दूध मिलने से उसका शारीरिक और मानसिक विकास बेहतर होता है.
कैसे करें सेवन?शतावरी को अलग-अलग तरीकों से खाया जा सकता है, जैसे पाउडर, कैप्सूल, काढ़ा या दूध के साथ. काढ़े के लिए, शतावरी की जड़ को पानी में उबालकर सेवन किया जाता है. हालांकि, इसका सेवन आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह पर करना चाहिए, क्योंकि खुराक इंसान की शारीरिक स्थिति पर निर्भर करती है. गर्भवती या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं वाली महिलाओं को खास सावधानी बरतनी चाहिए. मॉडर्न रिसर्च भी सतावर के गैलेक्टागॉग और एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों को कंफर्म करते हैं. ये न सिर्फ ब्रेस्टफीडिंग को बढ़ावा देती है, बल्कि माताओं के ओवरऑल हेल्थ को भी बेहतर बनाती है.
(इनपुट-आईएएनएस)



Source link

You Missed

नक्सली हथियार छोड़ने को तैयार! डिप्‍टी CM बोले- लेटर की सत्‍यता की जांच जरूरी
Uttar PradeshSep 17, 2025

महर्षि वाल्मीकि एयरपोर्ट की छत से पानी टपकने लगा, दो साल पुराना निर्माण गुणवत्ता पर उठे सवाल।

अयोध्या में महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट की छत से पानी टपकने लगा है। यह बातें सोशल मीडिया पर…

Maharashtra Government Approves Policy to Boost Digital Content Sector
Top StoriesSep 17, 2025

महाराष्ट्र सरकार ने डिजिटल कंटेंट क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए नीति को मंजूरी दी

महाराष्ट्र को डिजिटल कंटेंट और इमर्सिव टेक्नोलॉजी का ग्लोबल हब बनाने के लिए राज्य सरकार ने मंगलवार को…

authorimg
Uttar PradeshSep 17, 2025

पति खोया, सहारा टूटा… लेकिन नहीं मानी हार, अपने हौसले से रची नई जिंदगी, गांव की हर महिला के लिए प्रियंका बनीं प्रेरणा

उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में एक महिला की कहानी है जिसने हार नहीं मानी और समाज के…

Lanka Dinakar Reviews Tourism Potential in West Prakasam District
Top StoriesSep 17, 2025

लंका दिनकर ने पश्चिम प्रकासम जिले के पर्यटन संभावनाओं की समीक्षा की

नेल्लोर: ट्वेंटी पॉइंट प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन कमिटी के चेयरमैन लंका दिनकर ने मंगलवार को पश्चिम प्रकाशम जिले के पर्यटन…

Scroll to Top