Uttar Pradesh

बरसात के मौसम में करें हल्दी की इस वैरायटी की खेती, कम लागत में किसानों को ज्यादा मुनाफा, यहां लें पूरी जानकारी

Last Updated:July 29, 2025, 23:42 ISTकृषि अधिकारी राजितराम ने लोकल 18 से कहा कि हमारे देश में हल्दी की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. हल्दी का उपयोग मसाले के अलावा और भी कई चीजों में किया जाता है. जिससे यह काफ़ी अच्छे रेट में जाती है जिस कारण इसकी खेती कर लाखों रुपए की आमदनी की जा सकती है. वही किसान भाई हल्दी की खेती से अच्छी पैदावार लेना चाहते हैं. वैसे हल्दी की खेती मुनाफा देने वाली फसल है। किसान अगर हल्दी की खेती करते हैं तो उन्हें बढ़िया कमाई हो सकती है. हल्दी की अधिक पैदावार लेने के लिए किसानों को सही समय पर खेती करना और अच्छी किस्मों का चयन करना बेहद जरूरी है बरसात का मौसम हल्दी की खेती के लिए उपयुक्त माना जाता है. इस दौरान लगाई गई हल्दी की फसल अच्छी पैदावार देती है. बाजारों में हल्दी की मांग हमेशा बनी रहती है, जिससे किसानों को अच्छा मूल्य मिलता है हल्दी की कुछ विशेष किस्में हैं. जिनकी पैदावार अधिक होती है. इन किस्मों की खेती से किसान कम लागत में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं. हल्दी न केवल घरेलू उपयोग में आती है बल्कि औषधीय गुणों के कारण भी इसकी मांग अधिक रहती है जिला कृषि अधिकारी राजितराम ने लोकल 18 से बातचीत में बताया हमारे देश में हल्दी की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. हल्दी का उपयोग मसाले के अलावा और भी कई चीजों में किया जाता है. जिससे यह काफ़ी अच्छे रेट में जाती है जिस कारण इसकी खेती कर लाखों रुपए की आमदनी की जा सकती है. वही किसान भाई हल्दी की खेती से अच्छी पैदावार लेना चाहते हैं. इसकी कुछ उन्नत किस्में हैं जो कम समय में अधिक पैदावार देती हैं इन किस्मो की खेती अगस्त के महीने में कर सकते है. सिम पीतांबर हल्दी की इस किस्म को केन्द्रीय औषधीय एवं सगंध अनुसंधान संस्थान विकसित किया है. हल्दी की सामान्य किस्में फसल 7 से 9 महीने में तैयार होती हैं लेकिन पीतांबर 5 से 6 महीने ही तैयार हो जाती है. इस किस्म में कीटों का ज्यादा असर नहीं पड़ता ऐसे में अच्छी पैदावार होती है. एक हेक्टेयर में 650 क्विंटल तक पैदावार हो जाती है. सोरमा हल्दी की इस किस्म के कंद अंदर से नारंगी रंग के होते हैं. इस किस्म को खुदाई के लिए तैयार होने में 210 दिन लगता है. इससे प्राप्त होने वाली उपज की बात करें तो इस किस्म से प्रति एकड़ करीब 80 से 90 क्विंटल तक उपज प्राप्त हो सकती है सुगंधम हल्दी की ये किस्म 200 से 210 दिनों में तैयार हो जाती है. इस हल्दी का आकार थोड़ा लंबा होता है. रंग हल्का पीला होता है. किसान इस किस्म से प्रति एकड़ 80 से 90 क्विंटल उपज प्राप्त कर सकते हैं. सुदर्शन हल्दी की ये किस्म आकार में छोटी होती है, लेकिन दिखने में खूबसूरत होती है. 230 दिनों में फसल पककर तैयार हो जाती है. प्रति एकड़ 110 से 115 क्विंटल की पैदावार होती है. आर एच 5 हल्दी की ये किस्म करीब 80 से 100 सेंटीमीटर ऊंचे पौधों वाली होती है। इस किस्म को तैयार होने में करीब 210 से 220 दिन लगते है. इस किस्म से 200 से 220 क्विंटल प्रति एकड़ हल्दी की पैदावार प्राप्त की जा सकती है.homeagricultureबरसात के मौसम में करें हल्दी की इस वैरायटी की खेती,कम लागत में ज्यादा मुनाफा

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