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how many hours you sleep is not important this sleep mistake can lead to 172 diseases biggest study reveals | कितने घंटे सोते हैं ये जरूरी नहीं, नींद से जुड़ी इस गलती से 172 बीमारियों का रिस्क, अब तक की सबसे बड़ी स्टडी का खुलासा



सालों से नींद विशेषज्ञ ये चेतावनी देते आए हैं कि जरूरत से ज्यादा सोना दिल की बीमारी, डिप्रेशन और जल्दी मौत तक का कारण बन सकता है. लेकिन अब नींद पर हुई दुनिया की सबसे स्टडी ने इस सोच पर सवाल खड़े कर दिए हैं. हालिया रिसर्च में यह साफ हुआ है कि असल समस्या नींद की मात्रा नहीं है.
अक्सर लोग दावा करते हैं कि वे 8 घंटे से ज्यादा सोते हैं, लेकिन जब वैज्ञानिकों ने फिटनेस ट्रैकर्स से उनकी असली नींद मापी, तो पाया कि बहुत से लोग 6 घंटे से भी कम सो रहे थे. इस गड़बड़ी की वजह से पहले की रिसर्च में लंबे समय तक सोने को गलत तरीके से बीमारियों से जोड़ा गया.
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क्यों हम अपनी नींद के बारे में गलत बताते हैं?
3 जून 2025 को हेल्थ डाटा साइंस जर्नल में प्रकाशित रिसर्च में करीब 90,000 लोगों को 7 साल तक ट्रैक किया गया. सभी प्रतिभागियों ने कलाई पर पहनने वाले फिटनेस ट्रैकर्स लगाए थे, जिससे उनकी नींद का सही डाटा मिला. जिन लोगों ने कहा कि वे 8 घंटे से ज्यादा सोते हैं, उनमें से कई की असल नींद सिर्फ 6 घंटे या उससे कम पाई गई. इससे पहले की स्टडीज में नींद और बीमारी के बीच गलत संबंध बना.
स्लीप रूटिन जरूरी
स्टडी को चीन के थर्ड मिलिट्री मेडिकल यूनिवर्सिटी के डॉ. किंग चेन लीड कर रहे थे. रिसर्च में पता चला कि सिर्फ कितने घंटे सोए, यह मायने नहीं रखता, बल्कि कब सोए, कितनी बार जागे और रोज की नींद का पैटर्न कितना एक जैसा था, यह ज्यादा महत्वपूर्ण है. नींद का गड़बड़ाना यानी कभी देर रात सोना, कभी जल्दी, कभी पूरी नींद न लेना, इस तरह की अनियमितता से 172 बीमारियों का खतरा जुड़ा पाया गया.
बीमारियों का बड़ा कारण- खराब नींद
इस रिसर्च में शोधकर्ताओं ने पाया कि नींद में गड़बड़ी से पार्किंसन की बीमारी का खतरा 37%, टाइप 2 डायबिटीज का 36%, एक्यूट किडनी फेलियर का 22% तक बढ़ता है. यह भी पाया गया कि 92 बीमारियों के मामलों में से 20% को सिर्फ अच्छी नींद से रोका जा सकता है.
नियमित नींद है सबसे जरूरी
अभी तक हेल्थ एक्सपर्ट 7–9 घंटे की नींद लेने पर जोर दिया करते थे, लेकिन इस स्टडी ने बताया कि नींद का नियमित और स्थिर होना कहीं ज्यादा जरूरी है. यह भी पाया गया कि नींद की अनियमितता से COPD (फेफड़ों की बीमारी), किडनी फेलियर और डायबिटीज जैसी बीमारियों का खतरा पहले से कहीं ज्यादा जुड़ा है. अमेरिका की NHANES स्टडी ने भी इन नतीजों को सपोर्ट किया.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.
 



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