Side Effects of Eating Biscuits: इन दिनों बिस्किट खाना हर किसी का प्रिय शगल बन गया है. बच्चे हों या बड़े, सभी को मीठे या कुरकुरे बिस्किट पसंद आते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जिन बिस्कुट को आप इतने चाव से खाते हैं, वे धीरे-धीरे आपकी सेहत के लिए ‘मीठा ज़हर’ साबित हो सकते हैं. इससे आपका मेटाबॉलिज़्म लेवल कम हो सकता है, जिससे पाचन शक्ति घट जाती है. इससे वज़न बढ़ने और शुगर लेवल में वृद्धि का खतरा पैदा हो जाता है.
किन चीजों से बनाए जाते हैं बिस्किट्स?
हेल्थ एक्सपर्टों के मुताबिक, बिस्कुट बनाने के लिए मैदा, रिफाइंड चीनी और हाइड्रोजनीकृत तेल का इस्तेमाल किया जाता है. ये सभी चीजें हेल्थ के लिए नुकसानदेह मानी जाती हैं. इसमें यूज होने वाली मैदा और कम फाइबर वाली चीजों की वजह से ये पेट में आसानी से पचते नहीं हैं. जिससे आपका पाचन तंत्र खराब हो सकता है और आप कब्ज, गैस और एसिडिटी जैसी समस्याओं के शिकार हो सकते हैं.
बढ़ जाता है ब्लड शुगर
जो लोग डायबिटीज की समस्या से जूझ रहे हैं, उन्हें बिस्किट से स्थाई दूरी बना लेनी चाहिए. इसकी वजह ये है कि बिस्किट का ग्लाइसेमिक इंडेक्स ज्यादा होता है, जिससे ब्लड शुगर का लेवल का लेवल तेज़ी से बढ़ सकता है. जो इंसान की सेहत के लिए परेशानी पैदा कर सकता है.
बच्चों पर नकारात्मक प्रभाव
एक्सपर्टों का कहना है कि चूंकि बिस्किट में प्रोटीन, फाइबर या ज़रूरी विटामिन की मात्रा बहुत कम होती है. इसलिए बच्चों को इन्हें खिलाने पर उनके शारीरिक विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. इससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कमज़ोर हो सकती है.
मोटापा होने का खतरा
डायटीशियों के अनुसार, बिस्किट में मौजूद छिपी कैलोरी और चीनी शरीर में फैट के रूप में जमा होने लगती है. जिससे वज़न बढ़ने और मोटापा होने का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में जो लोग पहले से ही मोटापे के शिकार हैं, उन्हें तो बिस्किट से तुरंत ही तौबा कर लेनी चाहिए. बाकी लोगों को भी इस्तेमाल बेहद कम कर देना चाहिए वरना उन्हें सेहत में खराबी के रूप में इसका नुकसान भुगतना पड़ सकता है.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.