Health

every 30 seconds 1 death occurs due to liver rotting disease 90% people are unaware of Hepatitis infection | लिवर सड़ाने वाला जानलेवा वायरस, हर 30 सेकेंड में हो रही 1 मौत, 90% लोग अपनी ही बीमारी से अनजान



हर साल 28 जुलाई को वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे के रूप में मनाया जाता है, ताकि लोगों को इस गंभीर और अक्सर अनदेखी की जाने वाली बीमारी के बारे में जागरूक किया जा सके. WHO की रिपोर्ट बताती है कि साल 2022 में हेपेटाइटिस से दुनिया भर में करीब 13 लाख मौतें हुईं. और सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि दो-तिहाई मामले केवल 10 देशों में मिले, जिनमें भारत और चीन सबसे ऊपर हैं. हर 30 सेकंड में एक जान वायरल हेपेटाइटिस से जा रही है. लेकिन राहत की बात है कि इससे बचा जा सकता है. 
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क्या है हेपेटाइटिस और क्यों है ये खतरनाक?
हेपेटाइटिस एक साइलेंट वायरस इंफेक्शन है. इसमें लिवर में सूजन होता है, जिसे अनुपचारित छोड़ने पर सिरोसिस और कैंसर भी हो सकता है. ये पांच तरह के होते हैं. जिसमें A और E वायरस गंदे पानी और खराब खाने से फैलते हैं. B, C और D वायरस खून, संक्रमित सुई, असुरक्षित यौन संबंध और मां से बच्चे को फैलते हैं. हेपेटाइटिस B और C सबसे खतरनाक माने जाते हैं क्योंकि ये शरीर में सालों तक बिना लक्षण के छिपे रह सकते हैं. जब तक पता चलता है, तब तक लिवर बुरी तरह प्रभावित हो चुका होता है. 
भारत में स्थिति कितनी गंभीर है?
भारत में करीब 2.5 करोड़ लोग हेपेटाइटिस B से संक्रमित हैं. WHO के मुताबिक, दुनिया भर के वायरल हेपेटाइटिस के 11.6% मामले भारत में हैं. चौंकाने वाली बात ये है कि इनमें से 90% लोगों को यह पता भी नहीं कि वे संक्रमित हैं. बारिश के मौसम में A और E हेपेटाइटिस के केस 40% तक बढ़ जाते हैं, खासकर झुग्गियों, गांवों और कस्बों में, जहां साफ पानी और स्वच्छता की भारी कमी है.
हेपेटाइटिस के बढ़ने का कारण – संक्रमित रक्त चढ़ाना- एक ही सुई या इंजेक्शन का बार-बार इस्तेमाल- संक्रमित मां से नवजात को संक्रमण- असुरक्षित यौन संबंध- साफ पानी और टीकाकरण की कमी- झाड़ फूंक और घरेलू नुस्खों पर विश्वास
हेपेटाइटिस के कॉमन लक्षण
बुखारथकानभूख न लगनामतली और/या उल्टीपेट दर्दगहरा पेशाबमिट्टी के रंग का मल त्यागजोड़ों का दर्दपीलिया, त्वचा और आँखों का पीला पड़ना
समाधान क्या है?
हर नवजात को हेपेटाइटिस B का टीका समय पर दिया जाए. जांच सस्ती और सुलभ हो. सोशल मीडिया के जरिए जागरूकता फैलाई जाए. फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कर्मियों को ट्रेनिंग दी जाए ताकि वे शुरुआती लक्षण पहचान सकें. हेपेटाइटिस को बीमारी की तरह देखा जाए, पाप या शर्म की तरह नहीं.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.



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