Uttar Pradesh

दूध निकालने के बाद ये गलती न करें! गाय-भैंस को हो सकती है खतरनाक थन की बीमारी, जानें विशेषज्ञ की राय

Last Updated:July 28, 2025, 16:06 ISTAnimal Husbandary: ग्रामीण अर्थव्यवस्था में पशुपालन महत्वपूर्ण है, दूध निकालने के बाद पशुओं को थनैल रोग से बचाने के लिए आधे घंटे तक खड़ा रखें. डॉक्टर दिनकर कुमार ने साफ सफाई की सलाह दी है. हमारे ग्रामीण क्षेत्र में पशुपालन का व्यवसाय ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है, लेकिन कुछ टेक्निकल जानकारी न होने की वजह से हमारे दूध देने वाले पशु गंभीर बीमारी का शिकार हो जाते हैं. ऐसे में आज हम आपको बताने वाले हैं कि जिन जानवरों से हमें दूध मिलता है, उनका दूध निकालने के आधा घंटे बाद ही उनको बैठने दें. यानि की दूध निकालने के आधे घंटे तक दूध देने वाले पशुओं को खड़ा रहना आवश्यक है, क्योंकि उनके थन का छेद खुला रहता है और बीमारी होने की संभावना बनी रहती है, तो आइए जानते हैं इस पर क्या है पशु वैज्ञानिक की राय और क्या है इसका निदान…? थनैल रोग, जिसे मैस्टाइटिस भी कहा जाता है. दुधारू पशुओं में होने वाली एक आम बीमारी है, जो थनों को प्रभावित करती है. यह आमतौर पर जीवाणु के संक्रमण के कारण होता है, लेकिन यह वायरस, कवक या माइकोप्लाज्मा जैसे अन्य रोगजनकों के कारण भी हो सकता है. थनैला रोग से प्रभावित पशुओं के थनों में सूजन, दर्द और लाली हो सकती है, और दूध में असामान्य पदार्थ (जैसे थक्के या मवाद) आ सकते हैं. पशु चिकित्सा वैज्ञानिक डॉक्टर दिनकर कुमार ने लोकल 18 से बातचीत के दौरान बताया कि जो जानवर जैसे गाय, भैंस दूध देते हैं उनका दूध निकालने के बाद उन्हें जमीन पर आधे घंटे नहीं बैठने देना है. इसकी वजह है कि दूध निकालते वक्त उनके थन का छेद खुला रहता है और जब वह जमीन पर बैठ जाते हैं तो उस थन के माध्यम से कई कीटाणु अंदर चले जाते हैं जिससे जानवरों में गंभीर बीमारी पैदा हो जाती है. डॉक्टर दिनकर कुमार ने बताया कि थनैल रोग से बचने के लिए पशुपालकों को साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए और इस बात का ध्यान रहे की जानवरों से दूध निकालने के बाद उन्हें कम से कम आधा घंटा तक जमीन पर न बैठने दें. इसके लिए उन्हें हरी घास और चारा देते रहें ताकि जानवर खड़े होकर चारा खाते रहें और जमीन पर ना बैठें. बीच-बीच में जानवरों के बैठने वाले स्थान पर चूने का और फिनायल का छिड़काव करते रहना चाहिए. इसके साथ ही उनके चारों थन में बीटाडिन और ग्लिसरीन का डिप करना चाहिए.homeagricultureदूध देने के तुरंत बाद ये काम न करने दें पशु को, वरना थन में हो सकता है संक्रमण

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