लखनऊ. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक सनसनीखेज मनी लॉन्ड्रिंग मामले का खुलासा हुआ है. धर्मांतरण गैंग का सरगना कुख्यात जमालुद्दीन उर्फ़ छांगुर ने नीतू उर्फ नसरीन के बैंक खातों के जरिए बलरामपुर में तैनात कई सरकारी कर्मचारियों, अधिकारियों और उनके परिजनों के खातों में मोटी रकम भेजी. यह खुलासा बलरामपुर कोर्ट के क्लर्क राजेश उपाध्याय की गिरफ्तारी के बाद उसके परिजनों के बैंक खातों की जांच के दौरान हुआ.
जांच में सामने आया है कि छांगुर ने साजिश को छिपाने के लिए रकम को सीधे किसी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी के खाते में नहीं भेजा. इसके बजाय, उसने सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के पिता, पत्नी, भाई और यहां तक कि ससुराल पक्ष के लोगों के बैंक खातों में लाखों रुपये ट्रांसफर किए. इस रणनीति से उसने अपनी गैरकानूनी गतिविधियों को छिपाने की कोशिश की.
12 संदिग्ध खातों की पहचान
जांच एजेंसियों ने अब तक 12 ऐसे संदिग्ध बैंक खातों की पहचान की है, जिनमें छांगुर ने पिछले एक साल के अंदर मोटी रकम भेजी. इन खातों में लाखों रुपये जमा किए गए, जो संदेहास्पद रूप से सूचना लीक करने, सरकारी कार्रवाई को धीमा करने और छांगुर के आपराधिक गिरोह को संरक्षण देने के बदले में भेजे गए माने जा रहे हैं.
खातों को किया गया फ्रीज
जांच एजेंसियों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इन सभी 12 संदिग्ध बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है. साथ ही, इन खातों से जुड़े लोगों की गहन जांच शुरू कर दी गई है. पुलिस और अन्य जांच एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि इन खातों में भेजी गई रकम का स्रोत क्या था और इसका उपयोग किन गैरकानूनी गतिविधियों के लिए किया जा रहा था.
बलरामपुर में हड़कंप
इस खुलासे के बाद बलरामपुर के सरकारी महकमे में हड़कंप मच गया है. राजेश उपाध्याय की गिरफ्तारी के बाद अन्य सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों पर भी जांच की तलवार लटक रही है. सूत्रों के अनुसार, छांगुर का नेटवर्क केवल बलरामपुर तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका दायरा अन्य जिलों तक भी फैला हो सकता है.
पुलिस का बयान
लखनऊ पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “यह एक मनी लॉन्ड्रिंग का मामला है, जिसमें सरकारी तंत्र के कुछ लोगों की संलिप्तता सामने आई है. हम सभी संदिग्ध खातों की गहन जांच कर रहे हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.” अधिकारी ने यह भी कहा कि इस मामले में और भी खुलासे होने की संभावना है.
आगे की कार्रवाई
जांच एजेंसियां अब छांगुर और नीतू उर्फ नसरीन के अन्य सहयोगियों की तलाश में छापेमारी कर रही हैं. साथ ही, यह भी जांच की जा रही है कि इस रकम का उपयोग किन-किन आपराधिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए किया गया. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को भी इस मामले में शामिल किया जा सकता है, ताकि मनी लॉन्ड्रिंग के इस बड़े नेटवर्क का पूरी तरह से पर्दाफाश हो सके.